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क्या प्रधानमंत्री के आश्वासन बाद साफ हो जाएगा दिल्ली गाज़ीपुर लैंडफिल?

अमन वर्मा, जन की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी और अटल मिशन कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए (AMRUT) के दूसरे चरण का शुभारंभ किया और इसे “बी आर अंबेडकर के सपनों को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण कदम” बताया।नई दिल्ली में अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में एक कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख मिशनों का शुभारंभ किया।

पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का मुख्य उद्देश्य “शहरों को कचरा मुक्त” बनाना है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत “शहरों में कचरे के पहाड़” को संसाधित कर हटाया जाएगा।

“स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का उद्देश्य शहरों को कचरा मुक्त बनाना है। इस दूसरे चरण के साथ, हमारा लक्ष्य सीवेज और सुरक्षा प्रबंधन, शहरों को जल-सुरक्षित बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि गंदे नाले (नाले) नदियों में न मिलें।

पीएम मोदी ने कहा, “इस दूसरे चरण के तहत शहरों में कचरे के पहाड़ों को संसाधित किया जाएगा और पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। ऐसा ही एक कचरे का पहाड़ लंबे समय से दिल्ली से हटने के इंतजार में है।”

लॉन्च के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “स्वच्छ भारत मिशन का यह दूसरा चरण-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 भी बीआर अंबेडकर के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह हमारा सौभाग्य है कि आज का कार्यक्रम बी आर अंबेडकर केंद्र में आयोजित किया गया है। उनका मानना ​​था कि शहरी विकास समानता के लिए महत्वपूर्ण था।”

किस कचरे के पहाड़ की बात कर रहे थे प्रधानमंत्री मोदी?

दिल्ली के बॉर्डर गाजीपुर में स्थित Ghazipur landfill site जिसे सन् 1984 में कचरा फेकने के लिए चिन्हित किया गया था। 2019 में ये, लैंडफिल 65 मीटर (213 फीट) को पार कर गया था, जो कुतुब मीनार जिसकी ऊंचाई सिर्फ 73 मीटर है उससे सिर्फ आठ मीटर छोटा है। आपको ये जान कर हैरानी होगी की सालाना 10 मीटर की लंबाई से बढ़ रही है इस पहाड़ की ऊंचाई।

कचरे को कम करने के लिए अब तक क्या हुआ?

अक्टूबर 2019 में, ईडीएमसी (EDMC) ने ट्रोमेल मशीन-कम-बैलिस्टिक सेपरेटर्स का उपयोग करना शुरू किया, जो ठोस-कचरे और निष्क्रिय सामग्री को अलग करने के लिए उपयोग की जाने वाली यांत्रिक स्क्रीनिंग मशीन हैं। वर्तमान में 1,200 टन प्रतिदिन की संयुक्त क्षमता वाली आठ ऐसी मशीनें साइट से कचरे को अलग अलग उठा रही हैं। इन ट्रॉमेल्स ने अब तक 13,0000 मीट्रिक टन कचरे को संसाधित किया है।

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Sombir Sharma
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Sombir Sharma - Journalist

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