केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अमेरिकी पत्रकार द्वारा रूस से तेल की खरीद पर पूछे गए सवाल पर करारा जवाब दिया है ।अमेरिकी पत्रकार बेकी एंडरसन दावा कर रहीं थीं कि भारत रियायती कीमत पर तेल खरीदकर फायदा उठा रहा है। साथ ही उन्होंने तेल खरीदना जारी रखने को लेकर भी सवाल पूछा
हरदीप सिंह पुरी ने अबू धाबी में एडिपेक ऊर्जा सम्मेलन में ब्लूमबर्ग टीवी से बात की जिसमें अमेरिकी पत्रकार बेकी एंडरसन के सवाल पर हरदीप पुरी ने जवाब दिया कि, ‘मैं पहले आपकी धारणा को सही करने की कोशिश करता हूं। 31 मार्च 2022 को हमारा वित्तीय वर्ष पूरा हुआ और रूसी तेल की खरीदी 0.2 फीसदी पर थी, 2 प्रतिशत पर नहीं। जो यूरोप एक दोपहर में खरीद लेता है, हम उसका केवल एक चौथाई खरीदते हैं।’ साथ ही उन्होंने पत्रकार को यह भी बताया कि बीते महीने रूस नहीं, बल्कि इराक भारत का सबसे बड़े सप्लायर था।
"Absolutely none. There is no moral conflict."
I asked India's Minister of Petroleum @HardeepSPuri whether there was any moral conflict around his country's importing Russian oil, he tells me without Russian oil, prices will only go up. pic.twitter.com/Q6fZ4iN5bX
— Becky Anderson (@BeckyCNN) October 31, 2022
रूस से और तेल खरीदने को लेकर पूछे गए सवाल पर, हरदीप सिंह पुरी ने सीएनएन को बताया कि अगर तुलना की जाये तो यूरोप जितना तेल दोपहर तक में खरीद लेता है, भारत उसका बस एक तिहाई तेल ही रूस से आयात कर रहा है। हरदीप पुरी ने अमेरिकी मीडिया को साफ कर दिया कि पिछले महीने रूस से नहीं बल्कि इराक से सबसे ज्यादा तेल खरीदा गया है। इस दौरान हरदीप सिंह पुरी ने यह भी साफ कर दिया है कि, ‘हमारे पास कई बैकअप प्लान हैं। अमेरिका और यूरोप के साथ बातीचत जारी है। मोदी सरकार दबाव में नहीं है…।
उन्होंने आगे कहा कि, हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी हैं। भारत वो देश हैं, जो लगातार बदलाव करता चला रहा है। जब तेल की कीमतों में वृद्धि की जाती है, तो उनके दो परिणाम होते हैं। पहला- महंगाई और मंदी, दूसरा- हम हरित ऊर्जा में परिवर्तन करेंगे।