भगोड़े अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए 36 दिनों से चल रही तलाश खत्म हो गई है. रविवार 23 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने मोगा के रोडेवाल गुरुद्वारे के बाहर सुबह पौने सात बजे उसे गिरफ्तार किया. हालांकि, अमृतपाल की गिरफ्तारी की जानकारी के साथ ये खबरें भी उड़ीं कि उसने सरेंडर किया है. इसके लिए अमृतपाल की ओर से बकायदा कुछ वीडियो बनाए गए और फोटो खिंचवाई गई. जिससे ये मैसेज जा सके कि वो गुरुद्वारे में आया था. वहां अरदास की, प्रवचन दिया और फिर सरेंडर कर दिया.
अमृतपाल सिंह गिरफ्तारी के पहले शनिवार-रविवार की रात में गुरुद्वारे में आया था. गुरुद्वारे के ग्रंथी ने जो बताया उसके मुताबिक उसने सरेंडर किया था. वहीं, पुलिस का कहना है कि उसे गिरफ्तार किया गया है. पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने गिरफ्तारी के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अमृतपाल को किस तरह पकड़ा गया था.
पंजाब पुलिस ने क्या कहा?
आईजी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने रविवार सुबह करीब 6 बजकर 45 मिनट पर गांव रोडे से गिरफ्तार किया है. अमृतसर पुलिस और पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस विंग की ओर से एक संयुक्त अभियान चलाया गया था. पुलिस को इनपुट मिला था कि वह रोडे गांव के गुरुद्वारे में आया हुआ है. इसके बाद हमने पूरे गांव को घेर लिया था. इस दौरान गुरुद्वारे की पवित्रता का पूरा ध्यान रखा गया और पुलिस ने गुरुद्वारे में प्रवेश नहीं किया. अमृतपाल को गिरफ्तार कर एनएसए के तहत डिब्रूगढ़ ले जाया गया है.
ग्रंथी ने क्या कहा?
पुलिस ने अपने बयान में अमृतपाल को गिरफ्तार करने की बात कही है, लेकिन गुरुद्वारे के ग्रंथी ने एक अलग ही कहानी बताई है. गिरफ्तारी के बाद रोडेवाल के ग्रंथी जसवीर सिंह ने दावा किया कि अमृतपाल ने सरेंडर किया था. उसके ऊपर कोई दबाव नहीं था. ग्रंथी ने बताया कि अमृतपाल रात में यहां पहुंचा. उसने बताया कि वह माथा टेकने के बाद सुबह पुलिस के सामने सरेंडर कर देगा. इसके बाद पुलिस को सूचना पहुंचाई गई. सुबह उठने के बाद उसने कपड़े बदले, संगत को संबोधित किया और फिर 7 बजे सरेंडर कर दिया.
सरेंडर के दावे पर क्या बोली पुलिस?
तमाम बयानों और अटकलों को खारिज करते हुए पंजाब पुलिस ने दो टूक शब्दों में साफ कर दिया है कि अमृतपाल को गिरफ्तार किया गया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल ने कहा कि अमृतपाल के पास कोई विकल्प नहीं था. उसने सरेंडर नहीं किया, हमें इनपुट मिल गया था कि वह गुरुद्वारे के अंदर है. इसके बाद हमने पूरी तैयारी कर रही थी. गुरुद्वारे की मर्यादा का ध्यान रखते हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया. इसमें केंद्रीय एजेंसियों का भी सहयोग रहा.