Voice Of The People

ऑपरेशन अमृतपाल: 12 दिन की प्लानिंग, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की मुलाकात और 8 मीटिंग, जानिए पूरी कहानी

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को आखिरकार 36 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया. पंजाब पुलिस ने 23 अप्रैल की सुबह करीब पौने सात बजे मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है. पंजाब पुलिस के IG (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पुलिस ने पिछले 35 दिनों से मामले में प्रेशर बना रखा था. इनपुट के आधार पर उसे रोडे गांव में लोकेट किया गया था. उसकी गिरफ्तारी अमृतसर पुलिस और इंटेलीजेंस विंग के जॉइंट ऑपरेशन के तहत हुई है.

कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन अमृतपाल?

पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को पकड़ने के लिए ‘ऑपरेशन अमृतपाल’ तैयार किया। पुलिस ने 20 दिन पहले फैसला लिया कि अमृतपाल को पकड़ा जाएगा। फिर 12 दिन पूरी प्लानिंग में लगे। पंजाब पुलिस के सीनियर अफसरों के बीच 8 मीटिंग्स हुई और 18 मार्च से पुलिस ने इसे शुरू कर दिया। ऑपरेशन अमृतपाल को सिरे चढ़ाने के लिए टॉप अफसरों के साथ सरकार भी हर वक्त संपर्क में रही।

वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल की बयानबाजी को पहले सरकार तरजीह नहीं दे रही थी। अमृतपाल ने सरकार के खिलाफ जमकर आग उगली। फिर 23 फरवरी को अमृतपाल ने साथियों के साथ अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया। इससे पंजाब पुलिस की जमकर किरकिरी हुई। इससे सरकार भी सतर्क हो गई। इसके बाद ही अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई का फैसला हुआ।

पहले साथियों की पहचान कर डबल तैयारी की : पंजाब पुलिस ने 20 दिन पहले फैसला लिया कि अमृतपाल पर एक्शन लिया जाएगा। इसमें सबसे बड़ी चुनौती उसके हथियारबंद समर्थक थे। ऐसे में पंजाब पुलिस ने इंटेलिजेंस की एक टीम बनाई और अमृतपाल के साथियों को ट्रेस किया गया। अमृतपाल के काफिले में साथ रहने वाले हथियारबंद लोगों की पूरी रिपोर्ट तैयार की गई।

इसके आधार पर पंजाब पुलिस ने अपनी डबल तैयारी की। इसमें किसी भी तरह की हिंसा से निपटने के लिए वाटर कैनन, टियर गैस, एंटी रॉयट फोर्स और पंजाब आर्म्ड पुलिस को तैयार किया गया। हिंसा रोकने के लिए पुलिस को सेंट्रल फोर्स की भी जरूरत थी। यही वजह है कि पंजाब पुलिस ने पहले ही दिन अमृतपाल के साथ मौजूद ज्यादातर हथियारबंद लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जालंधर के पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल ने कहा कि अमृतपाल की दोनों गाड़ियां और उनमें साथ चलने वाले सभी हथियारबंद लोग पकड़े जा चुके हैं।

CM भगवंत मान दिल्ली में शाह से मिले

पंजाब पुलिस द्वारा अमृतपाल को पकड़ने का फैसला लिए जाने और इससे जुड़ी प्राइमरी प्लानिंग पूरी कर लिए जाने के बाद CM भगवंत मान दिल्ली पहुंचे। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उनके साथ हुई चर्चा के बाद केंद्रीय सुरक्षा बलों को पंजाब भेजने का फैसला हुआ। इसके बाद 18 कंपनियां पंजाब पहुंच गई।

12 दिन पहले टॉप ऑफिशियल्स का मंथन : दिल्ली से सेंट्रल फोर्स मिलने के बाद पंजाब पुलिस के टॉप ऑफिशियल्स ने ऑपरेशन AP को अंजाम देने पर आगे मंथन शुरू किया। इसमें चीफ सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी, लॉ एंड ऑर्डर, इंटेलिजेंस चीफ, काउंटर इंटेलिजेंस के ADGP ने जॉइंट मीटिंग की। इनके बीच करीब 8 मीटिंग्स हुई। इसके बाद ही ऑपरेशन को अंतिम रूप देकर 18 मार्च को इसे लॉन्च किया गया।

पंजाब पुलिस ने 18 मार्च क्यों चुना?

ऑपरेशन अमृतपाल को अंजाम देने के लिए पंजाब पुलिस ने 18 मार्च का ही दिन क्यों चुना, इसकी 2 बड़ी वजहें हैं। पहली… अमृतपाल का खालसा वहीर मुक्तसर में रोका गया था और इसे वह 19 मार्च से फिर शुरू करने वाला था। पुलिस अगर इससे पहले एक्शन न लेती तो फिर वहां बड़ी संख्या में समर्थक जमा होने से हालात बिगड़ सकते थे। पुलिस के लिए 19 मार्च से पहले अमृतपाल पर कार्रवाई करने की सबसे बड़ी वजह यही थी।

दूसरी वजह… पंजाब में G20 देशों के डेलिगेट्स की मीटिंग चल रही थी। इसकी मुख्य मीटिंग अमृतसर में 15 से 17 मार्च तक हुई। 17 मार्च को जैसे ही यह मीटिंग सफलतापूर्वक खत्म हुई, पंजाब पुलिस ने अगले ही दिन एक्शन ले लिया। चूंकि अमृतसर ही अमृतपाल सिंह का मुख्य बेस है, इसलिए कार्रवाई के लिए 17 मार्च तक रुकने की यह दूसरी बड़ी वजह रही।

इन विवादित बयानों से चर्चा में रहा अमृतपाल

अमृतपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दी थी। अमृतपाल ने कहा था कि इंदिरा गांधी ने सिखों को दबाया तो उसका हश्र क्या हुआ?। अमित शाह भी दबाकर देख लें। दूसरे बयान में अमृतपाल ने कहा कि वह खुद को भारतीय नागरिक नहीं मानता। उसके पास इंडियन पासपोर्ट जरूर है लेकिन यह सिर्फ ट्रैवल डॉक्यूमेंट है।

SHARE
Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

Must Read

Latest