प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 अप्रैल को केरल में भारत की पहली वाटर मेट्रो देश को समर्पित की। ये मेट्रो कोच्चि के आसपास के 10 द्वीपों को शहर के साथ निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए बैटरी संचालित इलेक्ट्रिक हाइब्रिड नावों के माध्यम से जोड़ती है। यह मेट्रो दूसरी मेट्रो से बेहद ही अलग है, क्योंकि अब तक आपने केवल पटरियों पर चलने वाली मेट्रो देखी होगी, लेकिन अब पानी पर चलने वाली मेट्रो का लुत्फ उठा सकेंगे।
कोच्चि वाटर मेट्रो की खासियत
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित, मेट्रो परियोजना आठ इलेक्ट्रिक हाइब्रिड नावों के साथ शुरू होगी। ड्रीम प्रोजेक्ट केरल सरकार और जर्मन फर्म KfW द्वारा वित्त पोषित है। कुल मिलाकर KWM (कोच्चि वाटर मेट्रो) परियोजना में 78 इलेक्ट्रिक बोट और 38 टर्मिनल शामिल हैं। पहले चरण में, KWM सेवा उच्च न्यायालय-वाइपिन टर्मिनलों और व्याटिला-कक्कनाड टर्मिनलों से शुरू होगी। केरल के मुख्यमंत्री के अनुसार, यात्री ट्रैफिक में फंसे बिना 20 मिनट से भी कम समय में हाई कोर्ट टर्मिनल से वायपिन टर्मिनल तक पहुंच सकेंगे। वायत्तिला से वॉटर मेट्रो के जरिए 25 मिनट में कक्कानाड पहुंचा जा सकता है।
पहली ‘मेड इन इंडिया’ वाटर मेट्रो
कोच्चि वाटर मेट्रो परियोजना ‘मेड इन इंडिया’ है; यह अद्वितीय है। वाटर मेट्रो कोच्चि के आसपास के कई द्वीपों पर रहने वाले लोगों को एक किफायती और आधुनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करेगा। यह घाट बस टर्मिनल और मेट्रो नेटवर्क के बीच इंटरमोडल कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा। यह कोच्चि में सड़क यातायात की समस्याओं को कम करेगा और बैकवाटर पर्यटन को आकर्षित करेगा। यह 1136.83 करोड़ रुपये की परियोजना, कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी। केरल की यह परियोजना पूरे भारत के लिए एक मॉडल है । यह प्रत्येक मलयाली और केरलवासियों को गर्व करने का कारण देता है। केरल देश के दर्शनीय स्थलों की सूची में रहा है, और जल मेट्रो परियोजना इसे पर्यटकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगी।
मोदी सरकार की मेट्रो नियो परियोजना
मेट्रो नियो एक और आगामी योजना है, जो एक इलेक्ट्रिक बस ट्रॉली जैसा दिखता है और 8,000 ऑवर पीक डायरेक्शन ट्रैफिक की सवारियों को पूरा कर सकता है। इसके लिए मानक गेज ट्रैक की आवश्यकता नहीं है, यह योजना महाराष्ट्र के नासिक में बनाई जा रही है। मेट्रो नियो में ररबर टायर वाले इलेक्ट्रिक कोच होंगे जो एक सड़क के स्लैब पर चलने वाले ओवरहेड ट्रैक्शन सिस्टम द्वारा संचालित होंगे।
इको फ्रेंडली बैट्री का किया गया है इस्तेमाल
वाटर मेट्रो में ऑटोमेटिक बोट लोकेटिंग सिस्टम और पैंसेजर कंट्रोल सिस्टम होगा। इस मेट्रो में प्रदूषण न फैलाने वाली बैटरी का उपयोग किया गया है। इससे कोच्चि बैकवाटर में पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। कोच्चि जल मेट्रो परियोजना से एक लाख से अधिक द्वीपवासियों को लाभ होगा।
2024 में देश के आम चुनाव होने हैं, इसलिए बीजेपी दक्षिण के राज्यों पर फोकस कर रही है। ताकि वहां अपना जनाधार मजबूत किया जा सके और एकजुट होते विपक्ष से लोहा लेने में मदद मिल सके। इस कड़ी में कर्नाटक के बाद केरल बीजेपी की लिस्ट में सबसे ऊपर है।