जिया खान के मामले आज कोर्ट ने सूरज पंचोली को सबूत के आभाव में बरी कर दिया। सवाल आज ये खड़ा होता है कि बरी होने का मतलब यह नहीं है कि सूरज पंचोली निर्दोष है.. हां कोर्ट के पास आज सबूत नहीं है। जिया ख़ान की मां की अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने साल 2014 में मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दे दी थी। साल 2015 में सीबीआई ने मामले को जांच कर कोर्ट में सूरज पंचोली के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर थी। बता दें कि जिया खान ने मुंबई स्थित अपने घर पर 3 जून 2013 को मृत पाई गई थी। इस मामले में सूरज पंचोली जिया को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी थे।
वहीं अदालत का फैसला आने के बाद सूरज पंचोली ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर लिखा- सच्चाई की हमेशा जीत होती है। कोर्ट के इस फैसले से जिया ख़ान की मां राबिया को बड़ा झटका लगा है। जिया खान की मां इस फैसले से नाखुश हैं और वह सीबीआई कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगी ।
बताते चलें कि इस मामले की जांच जुहू पुलिस कर रही थी और जांच के दौरान 7 जून 2013 को जिया खान के घर से पुलिस को 6 पन्नों का हाथ से लिखा हुआ सुसाइड नोट मिला था। इसके बाद मुंबई पुलिस ने 11 जून 2013 को बॉलिवुड एक्टर आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली को जिया को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।