जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी कर्नाटक चुनाव के नतीजों को लेकर गहन अध्ययन कर रहे हैं। प्रदीप भंडारी ने अब तक किए गए अपने अध्ययन के आधार पर बताया कि बीजेपी की हार का मूल कारण रहा स्थानीय नेताओं को जमीनी पकड़ का कमजोर होना।प्रदीप भंडारी ने बताया कि निश्चित रूप से बीजेपी ने जितने सीट जीते हैं उसमें मुख्य भूमिका पीएम मोदी की रैलियों और जनसभाओं का नतीजा है।
उन्होंने बताया कि कर्नाटक ने एक दशक के बाद निर्णायक रूप से कांग्रेस को वोट दिया है। 2013 में उसने 36 फीसदी वोट के साथ 122 सीटें जीती थीं। इस बार कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की है और लगभग 43 प्रतिशत वोट अपने नाम किया, वहीं दूसरी तरफ़ बीजेपी को 66 सीटें मिली हैं।
बसवराज बोम्मई ने भी चुनाव हारने के बाद किए गए समीक्षा बैठक के बाद कहा, ‘‘हमने समग्र चुनाव परिणामों पर चर्चा की है। हमने इस बात पर भी चर्चा की है कि आने वाले दिनों में आरएसएस के मार्गदर्शन के तहत पार्टी को कैसे संगठित किया जाए। हमारे प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करेंगे और उसके बाद आने वाले दिनों में पार्टी को कैसे संगठित किया जाए, इस रणनीति पर काम करेंगे।”