जी-20 पर्यटन कार्यसमूह की तीन दिवसीय तीसरी बैठक सोमवार से श्रीनगर में शुरू हो गई। डल झील किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित बैठक में विभिन्न राष्ट्रों के 60 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम हो रहा है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘यह बैठक विश्व के सामने खुद को प्रदर्शित करने के लिए जम्मू-कश्मीर के लिए एक अवसर है।’ भारत के G20 के मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि जी20 की इस बैठक से घाटी में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। यह जम्मू-कश्मीर में होने वाली सबसे महत्वपूर्ण बैठक होगी।’
इन देशों ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन-
चीन के अलावा कई और देशों ने भी कश्मीर में होने वाली बैठक से किनारा किया है। ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि, तुर्की बैठक में शामिल नहीं हो रहा। इसके अलावा सऊदी अरब और मिस्र ने भी अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
इसमें पहला नाम पाकिस्तान का है। उसने यहां बैठक का विरोध किया था, जिसके बाद भारत ने जवाब देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। वह जहां चाहे वहां बैठक करा सकता है।भारत का जवाब सुनकर पाकिस्तान बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है। इस बीच खबर आई कि उसका दोस्त चीन भी इस बैठक से चिढ़ गया है। उसने बाकायदा बैठक का बहिष्कार किया है। चीन ने इसे लेकर एक बयान तक जारी किया। जिसके बाद भारत ने उसे भी तगड़ा जवाब देकर बोलती बंद कर दी है।