26 मई को पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल के 9 साल पूरे कर लिए हैं, 26 मई 2014 को पीएम मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपत ली थी, अपने 9 साल के कार्यकाल में पीएम मोदी ने महिलाओं के लिए तमाम कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की, आइये जानते हैं पीएम मोदी के 9 साल के कार्यकाल में महिलाओं के लिए वो कौन कौन सी कल्याणकारी योजनायें थीं जिनसे महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला…
1. बेटी बचाओ, बेटी पढाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरूआत प्रधान मंत्री ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है। यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है अर्थात महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय।
इस योजना के मुख्य घटकों में शामिल हैं प्रथम चरण में PC तथा PNDT Act को लागू करना, राष्ट्रव्यापी जागरूकता और प्रचार अभियान चलाना तथा चुने गए 100 जिलों (जहां शिशु लिंग अनुपात कम है) में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कार्य करना। बुनियादी स्तर पर लोगों को प्रशिक्षण देकर, संवेदनशील और जागरूक बनाकर तथा सामुदायिक एकजुटता के माध्यम से उनकी सोच को बदलने पर जोर दिया जा रहा है।
2. पीएम उज्ज्वला योजना
“स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” के नारे के साथ केंद्र सरकार नें 1 मई 2016 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में एक सामाजिक कल्याण योजना – “प्रधानमंत्री उज्जवला योजना” की शुरूआत की है।
यह योजना एक धुँआरहित ग्रामीण भारत की परिकल्पना करती है और वर्ष 2019 तक 5 करोड़ परिवारों, विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को रियायती एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखती है। योजना से एलपीजी के उपयोग में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य संबंधी विकार, वायु प्रदूषण एवं वनों की कटाई को कम करने में मदद मिलेगी।
3.पीएम निर्भया योजना
साल 2012 के 16 दिसंबर की रात को निर्भया के साथ राजधानी दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप किया गया था. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. दोबारा देश की किसी बेटी के साथ ऐसी दरिंदगी ना हो, इसके लिए निर्भया फंड (Nirbhaya Fund) बनाया गया. इस फंड का मकसद महिला सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं शुरू करना और रेप पीड़िताओं को आर्थिक मदद देना था. फंड से बीते 9 साल में 9764.30 करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू की गई हैं. जिसमें सेफ सिटी प्रोजेक्ट भी शामिल है.
4.सखी निवास योजना
भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में सखी निवास योजना के तहत किराये पर होस्टल की सुविधा दी जाती है। इस होस्टल में केवल कामकाजी महिलाओं और उनके बच्चों को रखने की अनुमति है। बहुत सी महिलाएं अपने घरों से दूर शहरों में आकर काम करती हैं जिनको सुरक्षा देने के मकसद से इस स्कीम की शुरुआत की गई है। पहले इस स्कीम को वर्किंग वुमन होस्टल नाम से जाना जाता था।
सखी निवास स्कीम के तहत महिला अगर शादीशुदा है तो वो अपनी 18 साल तक की लड़की और 12 साल तक के लड़के को भी अपने साथ इस होस्ट में रख सकती है। दरअसल बहुत बार बच्चे भी अपनी मां के साथ अन्य स्थानों पर जाकर रहते हैं जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
5. नारी शक्ति पुरस्कार योजना
भारत सरकार द्वारा देश की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनानें के लिए हर संभव प्रयास कर रही है| इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है| महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा एक ऐसी ही योजना का शुभारम्भ किया गया है, जिसका नाम नारी शक्ति पुरूस्कार है| इस स्कीम के अंतर्गत महिलाओं को प्रमाण पत्र के साथ-साथ 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है|
नारी शक्ति पुरस्कार योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित है । इस पुरस्कार के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। नारी शक्ति पुरस्कार योजना महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) द्वारा प्रशासित है। इस योजना के माध्यम से महिलाओं की उपलब्धि को मान्यता दी जाती है। इस पुरस्कार के तहत महिलाओं को सरकार द्वारा 200000 की आर्थिक सहायता और प्रमाण पत्र दिया जाता है। नारी शक्ति पुरस्कार हर साल लगभग 15 महिलाओं को दिया जाता है।
यह योजना देश की महिलाओं को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के तहत पुरस्कार की घोषणा हर साल 20 फरवरी को की जाती है और यह पुरस्कार 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिया जाता है। यह नारी शक्ति पुरस्कार योजना महिलाओं को सभी क्षेत्रों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने और मान्यता देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह योजना महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने में कारगर साबित होगी।
6. सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना
इस योजना के तहत 100 फीसदी तक अस्पतालों या प्रशिक्षित नर्सों की निगरानी में महिलाओं के प्रसव को किया जाता है. ताकि प्रसव के दौरान मां और उसके बच्चे के स्वास्थ्य की उचित देखभाल की जा सके. सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना की शुरुआत 10 अक्टूबर 2019 को गई थी. इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की जीवन सुरक्षा के लिए निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है. इस योजना का उद्देश्य माता और नवजात शिशुओं की मृत्यु को रोकना है
7. फ्री सिलाई मशीन योजना
जो महिलाएं सिलाई-कढ़ाई में रुचि रखती हैं, उनके लिए केंद्र सरकार की ओर से फ्री सिलाई मशीन योजना चलाई जाती है. इस योजना का लाभ देश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं उठा सकती हैं. भारत सरकार की तरफ से हर राज्य में 50,000 से अधिक महिलाओं को निशुल्क सिलाई मशीन प्रदान की जाएगी. इस योजना के अंतर्गत केवल 20 से 40 वर्ष की आयु की महिलाएं आवेदन कर सकती हैं
8. महिला शक्ति केंद्र योजना
यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से साल 2017 को लॉन्च की गई थी. यह योजना महिलाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए तैयार की गई है. इस योजना के तहत गांव-गांव की महिलाओं को सामाजिक भागीदारी के माध्यम से सशक्त बनाने और उनकी क्षमता का अनुभव कराने का काम किया जाता है. यह योजना राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर काम करती है.
9. सुकन्या समृद्धि योजना
मोदी सरकार ने 22 जनवरी 2015 को सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी. यह स्कीम 10 साल से कम उम्र की लड़कियों/बच्चियों की उच्च शिक्षा और शादी के लिए है. यानी लड़कियों के सुरक्षित भविष्य के लिए यह बचत योजना है. किसी भी बैंक और पोस्ट ऑफिस में जाकर आप अपनी 10 साल से कम उम्र की बेटी के लिए अकांउट खुलवा सकते हैं. स्कीम पूरी हो जाने के बाद सारा पैसा उसे मिलेगा, जिसके नाम पर आपने इस अकांउट को खुलवाया होगा