पिछले नौ वर्षों मेें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मेें सरकार ने एक गतिशील और परिवर्तन आधारित विदेश नीति की परिकल्पना की है और इसका किर्यान्वयन भी किया है, जो परिणाम-उन्मुख, विकास-केेंद्रित और सरकार के “सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के विज़न के अनुरूप है।
भारत की विदेश नीति का प्राथमिक ध्यान, ‘पड़़ोसी प्रथम’ नीति (नेबरहुड फर्सस्ट पॉलिसी) के तहत, अपने नजदीकी पड़़ोसी देशों पर है। इसे ‘एक्ट ईस्ट’, ‘थिंक वेस्ट’ और ‘कनेक्ट सेेंट्रल एशिया’ नीतियों द्वारा सशक्त बनाया गया है, जो विस्तारित पड़़ोस मेें हमारे संपर्क को और बढ़़ाना चाहते हैैं। सरकार के विज़न, ‘भारत-प्रशांत क्षेत्र’ मेें कानून-आधारित व्यवस्था को बढ़़ावा देने के लिए समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए ‘क्षेत्र मेें सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ (ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) – ‘सागर’ को डिज़ाइन किया गया है।
G-20 की अध्यक्षता
भारत ने दिसंबर, 2022 को जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की जिससे भारत के वैश्विक कदम को एक बढ़ावा मिला है। भारत की अध्यक्षता की थीम “वसुधैव कु टुम्बकम” या “एक पृथ्वी-एक परिवार-एक भविष्य” विशिष्ट रूप से भारतीय है जिसके साथ भारत ने हाल ही मेें जी20 बैठकों के आयोजन की संख्या 100 के पार कर ली है। अप्रैल 2023 तक,110 से अधिक राष्ट्रों के 12,300 से अधिक प्रतिनिधियों ने जी20 से संबंधित बैठकों को मेें भाग लिया है। इनमेें जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी शामिल हैैं।
बहुपक्षीय संबंधों को मजबूत करना
संगत भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करने और पूरे भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक नियम-आधारित आदेश को आगे बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने रणनीतिक रूप से क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के अपने दृष्टिकोण को तैयार किया है। जैसे इंटरनेशनल सोलर एयरलाइंस, कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेसिलियंट इन्फ्राट्रक्चर, लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट और इंटरनेशनल बिग कैट एयरलाइंस, जैसी नई पहलों ने दनुिया के साथ हमारे बहुपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया है। दनुिया भर मेें भारत की उपस्थिति का विस्तार करने के सरकार के लक्ष्य को ध्यान मेें रखते हुए, मिशनों, वाणिज्य दूतावासों और प्रतिनिधि कार्यालयों की संख्या बढ़़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं।
पड़ोसी प्रथम नीति (नेबरहुड फर्सस्ट पॉलिसी)
भारत की विदेश नीति का प्राथमिक ध्यान, ‘पड़़ोसी प्रथम’ नीति (नेबरहुड फर्सस्ट पॉलिसी) के तहत, अपने नजदीकी पड़़ोसी देशों पर है। इसे ‘एक्ट ईस्ट’, ‘थिंक वेस्ट’ और ‘कनेक्ट सेेंट्रल एशिया’ नीतियों द्वारा सशक्त बनाया गया है, जो विस्तारित पड़़ोस मेें हमारे संपर्क को और बढ़़ाना चाहते हैैं। सरकार के विज़न, ‘भारत-प्रशांत क्षेत्र’ मेें कानून-आधारित व्यवस्था को बढ़़ावा देने के लिए समान विचारधारा वाले भागीदारोों के साथ संबंधो को मजबूत करने के लिए ‘क्षेत्र मेें सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ (ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) – ‘सागर को डिजाइन किया गया है।
विदेशों मेें भारतीय कामगारों पर फोकस
भाजपा सरकार ने ई-शासन से जुड़़े तरीकों के उपयोग के माध्यम से भारत के दूतावास परिचालन को विश्व स्तर पर सबसे तेज, सबसे पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया है। भारत ने विदेशों मेें भारतीय कामगारों के हितों की रक्षा के लिए सामाजिक सुरक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैैं, छात्रो, पेशेवरों और शोधकर्ताओं के पारस्परिक आवागमन को बढ़़ाने के लिए समझौते हुए हैैं एवं अवैध प्रवासन को रोकने के लिए कई देशों के साथ समझौते किये गए हैैं।
मानवीय संकट के दौरान मदद
भारतीय जनता पार्टी सरकार के तहत, मानवीय संकट के समय, भारत कार्रवाई करने वाले प्रथम राष्ट्र’ के रूप मेें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मानवीय संकट के दौरान प्रयासों के समन्वय के लिए विदेश मंत्रालय मेें एक विशेष प्रभाग के रूप मेें त्वरित कार्रवाई प्रकोष्ठ की स्थापना ने आपदा प्रोटोकॉल को और अधिक सहनशील बना दिया है। भारत ने पिछले 9 वर्षषों के दौरान विभिन्न राहत और निकासी अभियान चलाए हैैं, जिनमेें प्रमुख हैैं – ऑपरेशन दोस्त (2023), ऑपरेशन गंगा (2022), ऑपरेशन देवी शक्ति (2021) और मिशन सागर (2021) आदि।