नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उद्घाटन समारोह में पवित्र सेंगोल को भी स्थापित किया गया। तमिलनाडु से आए 21 अधीनम ने प्रधानमंत्री को सेंगोल सौंपी और उसे विधिवत संसद भवन में स्थापित कर दिया गया। तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने इसे तमिलनाडु के सम्मान बताते हुए वर्तमान तमिलनाडु सरकार द्वारा तमिलनाडु में ब्राह्मण समुदाय के साथ हुए रहे व्यवहार के बारे में एक भाषण में कहा।
के अन्नामलाई ने कहा कि तमिलनाडु के इतिहास में पहली बार 21 अधीनम को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। एक कांग्रेसी अपनी अज्ञानता में कहता है कि वे सभी ब्राह्मण थे। यदि वे ब्राह्मण थे, तो आपको क्या समस्या है? तुम ‘ब्राह्मणवादी आधिपत्य’ चिल्लाते रहते हो,ब्राह्मणवादी विचारधारा चिल्लाते रहते हो’ आपकी समस्या क्या है?
आगे उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों ने क्या गलती की? यह मैंने अपने एएनआई पोडकास्ट में भी बताया था। 1920 के दशक से ब्राह्मणों को जिस नफरत का सामना करना पड़ रहा है मैं उसकी तुलना जैसे नाजियों ने यहूदियों के साथ किया था उससे करूंगा। ये उसके बराबर का ही है।
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उनके साथ खड़े होने की बात करते हुए तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मुझे उनके लिए खड़े होने पर बहुत गर्व होता है और यह कहने में मुझे कोई डर भी नहीं लगता। आपने उन्हें चोट पहूंचाया, आपने उन्हें धमकी दी। आपने कोशिश की उन्हें बाहर निकालने की। अनगिनत ब्राह्मण भगवान से डरने वाले हैं, अपने काम से काम रखते हैं।
ब्राह्मण समुदाय पर निशाना बनाने पर उन्होंने कहा कि वो अपना व्यवसाय नेक तरीके से करते हैं। लेकिन आप उन्हें इसका राजनीतिकरण करने के लिए निशाना बनाते हैं। बस ब्राह्मण को एक ब्राह्मण के रूप में, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मुझे लगता है कि इन सभी आख्यानों को तोड़ने का समय आ गया है। हम ऐसा करेंगे, उन्हें तोड़ डालेंगे।