जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी आज अपने शो के नए एपिसोड में भारत के दो सफल भारतीय स्टार्टअप कंपनियों – कू और बिगहाट के सीईओ से बात की और जानने की कोशिश की कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को एक नई दशा और दिशा मिली है।
अपने इंटरव्यू में प्रदीप भंडारी ने Koo ऐप के फाउंडर – अप्रमेय राधाकृष्णन और बिगहाट के को-फाउंडर और सीईओ सचिन नंदवाना से बात की और जानने की कोशिश की कि कैसे भारत में स्टार्टअप कंपनियां विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रही है।
स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों।
स्टार्टअप एक इकाई है, जो भारत में पांच साल से अधिक से पंजीकृत नहीं है और जिसका सालाना कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। यह एक इकाई है जो प्रौद्योगिकी या बौद्धिक सम्पदा से प्रेरित नये उत्पादों या सेवाओं के नवाचार, विकास, प्रविस्तारण या व्यवसायीकरण की दिशा में काम करती है।
प्रदीप भंडारी ने koo ऐप के फाउंडर – अप्रमेय राधाकृष्णन से बात करते हुए पूछा कि पीएम मोदी की सरकार के सत्ता में आने के बाद, क्या मोदी सरकार स्टार्ट अप के लिए मददगार रही है?
जिसका जवाब देते हुए अप्रमेय ने बताया कि, आत्मानबीर भारत की पूरी अवधारणा सशक्त है। वैश्विक मान्यता के लिए यह पूरा जोर अच्छा है। भारत दुनिया की समस्याओं का समाधान कर रहा है। मुझे लगता है कि पूरा निष्पादन प्रसिद्ध रहा है। आगे बढ़ने के लिए प्रौद्योगिकी का त्वरण उतना ही महत्वपूर्ण है। अगले 25 वर्षों में, जब भारत के स्वतंत्र राष्ट्र होने के 100 वर्ष हो जाएंगे, स्टार्टअप के लिए जितने लोग भारत आएंगे, अमेरिकी या दक्षिण पूर्व के दोस्त आ सकते हैं, क्योंकि भारत के चारों ओर वैश्विक उत्साह है।