तमिलनाडु सरकार के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई से सियासत गरमा गई है। विपक्षी पार्टियों ने जहां सेंथिल को ईडी द्वारा हिरासत में लेने की आलोचना की है और इसे सत्ता का दुरुपयोग बताया है। वहीं तमिलनाडु में विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके ने ईडी की कार्रवाई का समर्थन किया है और आरोपी मंत्री को कैबिनेट से हटाने की मांग की है।
बिजली मंत्री को हिरासत में लिए जाने के बाद तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री पोनमुडी ने कहा कि यह बदला लेने वाली कार्रवाई है। हम सारी चीजों का सामना करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गैर-भाजपा राज्यों में गलत काम कर रही है। उन्होंने पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली में यह किया और अब यह तमिलनाडु में कर रही है। हम इसका सामना करेंगे।
ईडी की कार्रवाई के दौरान सेंथिल बालाजी ने सीने में दर्द की शिकायत की। इसके बाद उन्हें ओमंदुरार के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। छापा तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में स्थित सेंथिल के घर के अलावा उनके पैतृक निवास करूर में भी मारा गया है।
जांच एजेंसी ने जिस समय सेंथिल बालाजी के ठिकानों पर छापा मारा। उस समय वह मॉर्निंग वॉक पर निकले हुए थे। जैसे ही उन्हें छापेमारी की सूचना मिली, वह टैक्सी लेकर घर लौट आए।
बिजली मंत्री को जब अस्पताल के अंदर ले जाया जा रहा था तब वह रोते हुए दिखाई दिए। वहीं डीएमके के समर्थक उनके बीमार होने की खबर पाकर अस्पताल में इकट्ठा हो गये और ईडी के खिलाफ नारे बाजी करने लगे।
DMK मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सेंथिल बालाजी का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि हम इससे कानूनी तौर पर निपटेंगे। हम भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की धमकी भरी राजनीति से डरने वाले नहीं हैं। डीएमके नेताओं ने आरोप लगाया कि ईडी अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के दौरान बालाजी ने सीने में दर्द की शिकायत की थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब ईडी द्वारा सेंथिल बालाजी को अस्पताल ले जाया गया तो वह होश में नहीं दिखे।