ममता बनर्जी शासित पश्चिम बंगाल में हिंसक घटनाएँ रुकने का नाम नहीं ले रही हैं, शनिवार को पश्चिम बंगाल के कूचबिहार के साहेबगंज से बड़ी खबर सामने आई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रामाणिक और भाजपा विधायक सुकुमार रॉय के वाहनों पर घातक हथियारों से हमला किया गया है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रामाणिक ने कहा, ‘देखिए कैसे कार पर तीर चलाए गए, पीछे देखिए कैसे बम फेंके जा रहे हैं, थाने के सामने बम फेंके जा रहे हैं और पुलिस खड़ी देख रही है। आप सोच सकते हैं कि इस राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है।’
प्रामाणिक ने कहा, ‘राज्य में अराजकता है, हमारी गाड़ी पर तीर मारा गया। कहीं बम मारे जा रहे हैं। कानून-व्यवस्था को हर दिन तोड़ा जा रहा है। पुलिस के सामने यह हो रहा है। हम आगे नहीं जा पा रहे, तृणमूल विधायक BDO कार्यालय में बैठे हुए हैं, एक विधायक BDO कार्यालय में कैसे बैठ सकते हैं? नामांकन पत्रों की जांच सेंट्रल फोर्स की निगरानी में होनी चाहिए।’
बंगाल बीजेपी अध्यक्ष ने कही ये बात
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार राज्यपाल से मिलने के बाद बाहर आए और कहा, ‘हमारे मंत्री के साथ बात हुई, बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस लाठीचार्ज कर रही है और तृणमूल के गुंडे मंत्री की गाड़ी पर तीर और बम बरसा रहे हैं। अगर इस राज्य में एक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की रक्षा नहीं की जा सकती है, तो उनके पास लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज नहीं है। इस भयानक घटना के लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। वह उदयन गुहा जैसे गुंडों को हवा दे रही हैं। मैं तुरंत राज्यपाल को फोन पर फिर से बताऊंगा।’
कैलाश विजयवर्गीय का बयान सामने आया
दिल्ली में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘बंगाल में हिंसा बहुत स्वाभाविक है, हिंसा और बंगाल एक दूसरे का पर्यायवाची है। जब भी चुनाव होता है, तब हिंसा होती है। मुख्यमंत्री उनके भतीजे अभिषेक, पुलिस, गुंडे सब मिल कर वहां हिंसा करते हैं। वहां आम नागरिक को कोई संरक्षण नहीं है।’
आपको बता दें की ये पहली बार नहीं है जब निसिथ प्रामाणिक के काफिले पर हमला हुआ है, इससे पहले इसी वर्ष मई में प्रमाणिक के काफिल पर यह हमला तब हुआ था जब वह कूचबिहार के दिनहाटा इलाके में पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलने जा रहे थे। इस मामले पर निशीथ प्रमाणिक का कहना था कि उनके काफिले पर हमला तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा किया गया है। निशीथ प्रमाणिक के काफिले को रोखकर टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी की गई और काले झंडे भी दिखाए गए थे।