गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस (गोरखपुर) को प्रदान किया जाएगा। इस घोषणा के साथ ही इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इस फैसले की तीखी आलोचना की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश की ओर से इसे उपहास बताया गया और इस फैसले पर सवाल खड़े किए गए। वहीं जब कांग्रेस ने इस फैसले की आलोचना की तो जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने बताया कि कांग्रेस को किससे समस्या है।
प्रदीप भंडारी ने ट्वीट कर कांग्रेस की विचारधारा को बताया। प्रदीप भंडारी ने ट्वीट में लिखा, “इनको समस्या गीता प्रेस को पुरस्कार मिलने से नहीं है, इनको समस्या यह है कि हिंदू संस्कृति का प्रचार प्रसार करने वाली एक संस्था को पुरस्कार मिल रहा है। कांग्रेस के नेताओं की विचाराधारा के हिसाब से औरंगजेब का महिमामंडन करने वालों को शांति पुरस्कार देना चाहिए।”
इनको समस्या गीता प्रेस को पुरस्कार मिलने से नहीं है, इनको समस्या यह है कि हिंदू संस्कृति का प्रचार प्रसार करने वाली एक संस्था को पुरस्कार मिल रहा है।
कांग्रेस के नेताओं की विचाराधारा के हिसाब से औरंगजेब का महिमामंडन करने वालों को शांति पुरस्कार देना चाहिए।#GeetaPress
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) June 19, 2023
बता दें कि गीता प्रेस पर कांग्रेस के हमले को लेकर बीजेपी के नेताओं ने भी कांग्रेस को निशाने पर लिया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने करते हुए लिखा, “भारत की गौरवशाली प्राचीन सनातन संस्कृति और आधार ग्रंथों को अगर आज सुलभता से पढ़ा जा सकता है तो इसमें गीता प्रेस का अतुलनीय योगदान है। 100 वर्षों से अधिक समय से गीता प्रेस रामचरित मानस से लेकर श्रीमद्भगवद्गीता जैसे कई पवित्र ग्रंथों को नि:स्वार्थ भाव से जन-जन तक पहुँचाने का अद्भुत कार्य कर रही है। गीता प्रेस को गाँधी शांति पुरस्कार 2021 मिलना उनके द्वारा किये जा रहे इन भागीरथ कार्यों का सम्मान है।”