इनिशिएटिव ऑन द फ्यूचर ऑफ इंडिया एंड साउथ एशिया की रिसर्च फेलो और डायरेक्टर अपर्णा पांडे ने कहा कि बीजिंग और मॉस्को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) यात्रा पर उत्सुकता से नजर रखेंगे। यात्रा पर नज़र रखने वाली वैश्विक शक्तियों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, “इस राजकीय यात्रा पर बीजिंग की नज़र होगी क्योंकि चीन को हमेशा यह चिंता रही है कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के जितना करीब आता है, उतना ही वह गुटनिरपेक्षता से दूर होता जाता है। इसे न केवल आर्थिक निवेश और तकनीक मिलती है, बल्कि इसे प्रीडेटर ड्रोन जैसे रक्षा उपकरण भी मिलने वाले हैं, जो उदाहरण के लिए भारत उपयोग कर रहा है… और समुद्री क्षेत्र में उपयोग कर सकता है।”
अपर्णा पांडे ने ANI से बात करते हुए कहा ‘मेरे हिसाब से तीन ऐसे लोग हैं जो पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पर खास नजर रखेंगे, बीजिंग इसपर पैनी नजर रखेगा क्योंकि चीन को हमेशा ही ये चिंता रहती है की भारत जितना अमेरिका से करीबी बढ़ाएगा उतना वो नॉन अलाइनमेंट से दूर होता जायेगा, उसे ये भी चिंता रहती है की भारत जितना अमेरिका के करीब जायेगा उसे न सिर्फ आर्थिक और तकनीकी इन्वेस्टमेंट मिल सकता है पर भारत को रक्षा के क्षेत्र में भी इन्वेस्टमेंट मिलेगा।’
उन्होंने आगे कहा की ‘दूसरा जो देश पीएम की यात्रा पर नजर रखे होगा वो है मॉस्को, क्योंकि काफी वक्त से भारत का सबसे बड़ा डिफेंस इक्विपमेंट सप्लायर रूस रहा है, लेकिन अमेरिका के इक्विपमेंट काफी हाई एंड और हाई टेक्नोलॉजी वाले होते हैं, तो रूस इस बात से चिंतित होगा की जितना ज्यादा भारत अमेरिका से रक्षा सौदा करेगा उतनी संभावना है की रूस से इक्यूपमेंट डील काम हो जाएं।’
उन्होंने कहा की ‘तीसरा जो देश है जो इसपर नजर रखेगा वो है पाकिस्तान, क्यों की उसे इस बात की चिंता होगी की भारत जितना अमेरिका से करीबी बढ़ाएगा उतना ज्यादा असर पाक और अमेरिका के रिश्तों पर पड़ेगा’