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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका का राजकीय दौरा समाप्त; अमेरिका से मिस्र के लिए रवाना हुए प्रधानमंत्री मोदी, जाने इजिप्ट का पूरा शेड्यूल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा समाप्त हो गई है। पीएम मोदी अब अमेरिका से इजिप्ट के लिए उड़ान भर चुके हैं। पीएम मोदी का इजिप्ट दौरा दो दिनों का है। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी इजिप्ट (मिस्त्र) के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा कई मायनों में खास है। पीएम मोदी पहली बार मिस्त्र जाएंगे।

साथ ही वो इजिप्ट के 1000 साल पुराने मस्जिद भी जाएंगे। वहां रह रहे भारतीय मूल के लोगों से भी मिलेंगे। पीएम मोदी इजिप्ट में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जान गंवाने वाले भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि भी देंगे। 25 जून को पीएम मोदी के इजिप्ट दौरे का अंतिम दिन होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24-25 जून को मिस्र की यात्रा पर रहेंगे। यह उनकी मिस्त्र की पहली आधिकारिक यात्रा है। यह 1997 के बाद से भारत के किसी बड़े नेता की पहली मिस्र की यात्रा होगी। पीएम मोदी मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी के निमंत्रण पर वहां जा रहे हैं। मालूम हो कि इस साल भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि अब्देल फतह अल सीसी ही थे।

पीएम मोदी 24 जून दोपहर को काहिरा में भारतीय समुदाय के साथ मुलाकात करेंगे। इस दौरान भारतीय समुदायों और प्रमुख व्यक्तित्वों के साथ बातचीत भी होगी। पीएम मोदी प्रथम विश्व युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए हेलियोपोलिस कब्रिस्तान का दौरा भी करेंगे। उनकी मिस्र के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी होगी।

मिस्त्र यात्रा के दौरान पीएम मोदी 25 जून को अल-हकीम मस्जिद का दौरा भी करेंगे। अल-हकीम मस्जिद करीब 1000 साल पुराना है। 11 वीं सदी के इस मस्जिद की मरम्मत का काम बीते छह सालों से चल रहा था। जिसमें दाऊदी बोहरा समुदाय का बड़ा रोल रहा है। दाऊदी बोहरा समाज का पीएम मोदी से बड़ा मधुर संबंध है। इस समुदाय को PM मोदी देशभक्त और शांति के समर्थक बता चुके हैं।

पीएम मोदी का दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ खास कनेक्शन है। साल 2011 में बतौर मुख्यमंत्री वे इस समुदाय के धार्मिक प्रमुख सैयदना बुरहानुद्दीन के 100 वें जन्मदिन के जश्न में शामिल हुए थे। 2014 में धार्मिक प्रमुख की मौत हुई तो भी मोदी उन्हें अंतिम विदाई देने मुंबई गए थे। प्रधानमंत्री रहते हुए भी साल 2015 में उन्होंने सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से मुलाकात की थी।

काहिरा में भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने शुक्रवार को कहा कि भारत और मिस्र दो सबसे प्राचीन सभ्यताएं हैं और हमारे संबंध चार हजार साल से भी ज्यादा पुराने हैं। उन्होंने कहा कि सदियों से हमारे समुद्री संपर्क रहे हैं और हाल के वर्षों में, खासतौर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद, संबंध और भी मजबूत हुए हैं।

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