टमाटर की कीमत में पिछले एक हफ्ते में काफी तेजी आई है. खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतें 80-120 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं, जबकि थोक बाजार में कीमतें 65-70 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं. एक हफ्ते पहले तक होलसेल मार्केट में इसकी कीमत 30 से 35 रुपये थी. इस तरह एक हफ्ते में टमाटर की कीमत दोगुनी हो गई है. वहीं ऊंची कीमतों का कारण देश के अधिकांश हिस्सों में उच्च तापमान, कम उत्पादन और देरी से हुई बारिश को माना जा रहा है. गौरतलब है कि मई माह में टमाटर की कीमत तीन से पांच रुपये किलो रह गई थी. इस कारण किसानों ने टमाटर की खेती करने से परहेज किया है. उस समय लागत नहीं मिलने का कारण कई किसानों ने अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया था. वहीं टमाटर की कीमतों की वजह से भोजनालयों और रेस्तरां के भोजन मेनू पर कीमतों में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे उपभोक्ताओं को दिक्कत होगी.
थोक मंडी के कारोबारियों का कहना है कि मंडी में टमाटर की अवाक कम हो गई है। इसके चलते कीमत में एकदम से उछाल आ गया है। वहीं, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि देश के अधिकांश हिस्सों में उच्च तापमान, कम उत्पादन और देरी से हुई बारिश की वजह से टमाटर की कीमत में बड़ी तेजी आई है। आपको बता दें कि टमाटर की कीमतों में अचानक उछाल आया है। मई में टमाटर 20 से 25 रुपये किलो मिल रहा था। सब्जियों के दाम में उछाल से महंगाई बढ़ने का खतरा बढ़ गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के आजादपुर थोक बाजार के टमाटर व्यापारी अशोक गनोर ने कहा, “पिछले दो दिनों में टमाटर की कीमतें दोगुनी हो गई हैं. हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों से टमाटर की सप्लाई कम हो गई है. अब हम बेंगलुरु से टमाटर मांगा रहे हैं. टमाटर के जो पौधे जमीन पर थे, वे हाल की बारिश के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. केवल तारों के सहारे फलने वाले पौधे ही बचे हैं.
महाराष्ट्र के नारायणगांव क्षेत्र के किसान अजय बेल्हेकर ने कहा, “किसानों ने फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव और उर्वरकों का उपयोग नहीं किया, क्योंकि कीमत लाभकारी नहीं थीं. इससे कीट और बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया और उत्पादन में गिरावट आई.” हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि आने वाले दिनों में भी कीमतें ज्यादा ही रहेंगी.
अजादपुर मंदी के कारोबारियों का कहना है कि पिछले दो दिनों में टमाटर की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से टमाटर की आपूर्ति कम होने से कीमतों में तेजी आई है। बेमौसम बारिश ने भी टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही कई राज्यों में उच्च तापमान ने भी नुकसान पहुंचाया है। अब बाजार में मांग पूरा करने के लिए कारोबारी बेंगलुरु से टमाटर मंगा रहे हैं। इससे लागत काफी बढ़ गई है। हालांकि, कीमत में तेजी लंबे समय तक रहने की आशंका नहीं है। किसानों का कहना है कि बाजार में नई फसल आने वाली है। इसके बाद कीमत कम हो जाएंगी।
खड़ी फसल पर किसानों ने चलाया ट्रैक्टर
कम कीमत के कारण किसानों को अपनी फसल की लागत नहीं मिल पाई थी. इस कारण उन्होंने अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया था. गनोर ने कहा कि जून के पहले हफ्ते तक टमाटर की कीमत काफी कम थी. हम यह अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि आने वाले दिनों में क्या कीमत होगी. उम्मीद है कि जल्दी ही कई नए इलाकों से टमाटर की सप्लाई शुरू होगी. अगर हिमाचल प्रदेश और दूसरे इलाकों में भारी बारिश जारी रही तो टमाटर की कीमत आने वाले दिनों में इसी स्तर पर बनी रह सकती है.