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‘The Girl From Kathua: A Sacrificial Victim of Ghazwa-E-Hind’ जम्मू में हिंदुओं पर अत्याचार की भयावह सच्चाई को उजागर करती मधु किश्वर की किताब

2018 में कठुआ में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या पर लेखिका मधु किश्वर ने 8 अप्रैल 2023 को अपनी किताब रिलीज की थी. इस किताब का नाम है “द गर्ल फ्रॉम कठुआ: ए सैक्रिफिशियल विक्टिम ऑफ ग़ज़वा-ए-हिंद”. इस किताब के जरिये मधु किश्वर ने जम्मू में हिन्दुओं को परेशान करने के लिए चलाये जा रहे दुष्प्रचार अभियान का पर्दाफाश किया है. मधु की किताब “द गर्ल फ्रॉम कठुआ: ए सैक्रिफिशियल विक्टिम ऑफ ग़ज़वा-ए-हिंद” में बखूबी दर्शाया गया है की कैसे जम्मू के कठुआ जिले की धार्मिक जनसांख्यिकी को बदलने के लिए एक जिहादी साजिश रची गयी थी.

जनवरी 2018 में जम्मू के रसाना गाँव में एक मुस्लिम बालिका की लाश निकट जंगल में मिलती है. पी.डी.पी. का एक नेता फौरन उसे हिन्दुओं द्वारा बलात्कार-हत्या के मामले के रूप में उठाता है. रसाना के मंदिर के हिन्दू पुजारी और उस के बेटे भतीजे को दोषी बताकर तत्काल उग्र आंदोलन खड़ा कर देते हैं. सेक्यूलर मीडिया इसे ‘मंदिर में बलात्कार’ की सनसनीखेज बताने लगती है. जब राज्य सरकार के दो हिन्दू मंत्री इसे गलत कह कर सी.बी.आई. जाँच की माँग का समर्थन करते हैं, तो उन्हीं को पद से हटा दिया जाता है. चार हिन्दू पुलिस कर्मचारी भी अभियुक्त बनाए जाते हैं. मुकदमे में सात अभियुक्तों में छः को सजा होती है। यह सब डेढ़ साल के अंदर पूरा हो जाता है.

मधु किश्वर की किताब के अनुसार पूरा मामला फर्जी, और पूरे भारत पर जिहादी कब्जे के मंसूबे के क्रम में ही है। उन्होंने रसाना जाकर, स्थानीय लोगों, घटना से जुड़े व्यक्तियों, अभियुक्त के परिवार तथा आरोप लगाने वालों से बातचीत की. पुलिस की कार्रवाइयाँ, दस्तावेज, गवाहों का हाल और बयान, विविध नेताओं, पुलिस अधिकारियों और जजों की टिप्पणियों, तथा बड़े मीडिया एक्टिविस्टों के ट्विट, विदेशी मीडिया की प्रस्तुतियों, आदि का गहन अध्ययन-परीक्षण करने के बाद पूरे तीन साल लगा कर यह पुस्तक तैयार की। उन्होंने चुनौतीपूर्ण लहजे में नाम लेकर कई नेताओं, पुलिस अधिकारियों, जज, और बड़े पत्रकारों को दोषी ठहराया है. उन्होंने किताब के जरिये कहा है कि सब ने निर्दोष हिन्दू व्यक्तियों को जाने-अनजाने बदनाम किया. दबाव बना कर सजा दिलाई, जब कि असली अपराधी बचे हुए हैं, जो संभवतः मृतक लड़की के करीबी ही हैं.

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Thank you <a href=”https://twitter.com/ThinkersForums?ref_src=twsrc%5Etfw”>@ThinkersForums</a> for organising this special event to discuss my book <br>“The Girl From Kathua: A Sacrificial Victim of Ghazwa E Hind”<br>Friends in Bangalore, please do join. <a href=”https://t.co/8ejsrmu9j8″>https://t.co/8ejsrmu9j8</a></p>&mdash; Madhu Purnima Kishwar (@madhukishwar) <a href=”https://twitter.com/madhukishwar/status/1674360067385331712?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 29, 2023</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

क्योंकि मधु किश्वर एक प्रतिष्ठित लेखिका, पत्रकार, और सामाजिक कार्यकर्त्री हैं, इसलिए उनके द्खावारा किये गए दावों को खारिज करना असंभव है। 72 वर्षीया मधु किश्वर ने जिस हौसले, दृढता से मामले की तह में जाने के लिए सारी भाग-दौड़ और जाँच-पड़ताल की, वह वाकई काबिले तारीफ है। अगर मधु किश्वर की किताब में थोड़ी सी भी सच्चाई हुई तो ये हमारी कानून व्यवस्था और राजनीती पर एक जोरदार प्रहार होगा. उनकी पुस्तक में आरोप पत्र के कुछ हिस्सों, साक्षात्कार, स्क्रीनशॉट, फोटो सहित बहुत सारे दस्तावेज़ हैं, और शुरुआत में ही इस दुखद गाथा में शामिल विभिन्न व्यक्तियों और उनकी भूमिका का परिचय दिया गया है, जिसमें साजिश रचने वालों में महबूबा मुफ़्ती और पीडीपी शीर्ष पर हैं. इसमें पाकिस्तान का इशारा भी है.

पुस्तक में प्रस्तुत तथ्य चौंकाने वाले हैं और इस पर ध्यान देने की जरूरत है. मीडिया को मामले पर फिर से गौर करने की जरूरत है और कोई भी चाहेगा कि न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आए, क्योंकि पूरी संभावना है की निर्दोष लोग जेल में बंद हैं, जो हर किसी के लिए अस्वीकार्य होना चाहिए.

लेखिका के अनुसार इस घटना का एजेंडा रसाना गांव के हिंदुओं को बाहर निकालना था, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पाकिस्तानी सीमा के बहुत करीब है. लेखिका का कहना है की कश्मीर घाटी के बाद, अब जम्मू की बारी है जिसे हिंदुओं द्वारा खाली किया जाएगा और इस्लामीकरण किया जाएगा. सिंचाई विभाग में काम करने के बाद से सांजी राम को मुसलमानों द्वारा जमीन हड़पने के बारे में पता था और उसने इसका विरोध किया था. एसपीओ दीपक खजूरिया गाय और मादक पदार्थों की तस्करी से लड़ने में सबसे आगे थे. दोनों को उम्रकैद की सज़ा मिली. यह निश्चित रूप से अन्य ग्रामीणों के लिए एक चेतावनी थी, कि उन्हें भी उस अपराध में फंसाया जा सकता है जो उन्होंने कभी नहीं किया है, और इसलिए वो वहां से भाग जाएँ.

किताब में कई ऐसे तथ्य दिए गए हैं जिनको पढ़कर आपकी आँखे खुल जाएँगी और लेफ्टिस्ट मीडिया द्वारा चलाये जा रहे अजेंडे की सारी तस्वीर साफ़ हो जाएगी. नेताओं के जिक्र और उनकी भूमिका भी भारत के कई नेताओं की पोल खोलती है, और जम्मू कश्मीर में किस तरह साजिशन हिन्दुओं को वहां से भगाने के लिए षड्यंत्र किये जाते हैं इसके बारे में भी आप डिटेल में जान पाएंगे.

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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