देश के कई राज्यों के अलावा राजधानी दिल्ली में भी भारी बारिश से बाढ़ के हालात बने हुए हैं। जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ा कि इस बार पिछले कई दशकों का रिकॉर्ड टूट चुका है। बाढ़ को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार लगातार एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के साथ WHO की इमारत के पास क्षतिग्रस्त नाले का निरीक्षण किया। इस दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा कि अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कारण से पानी आ रहा है जैसे ITO पर यहां नाले के क्षतिग्रस्त होने की वजह से आया है। कहीं यमुना के कारण पानी आया है। अब राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। धीरे-धीरे पानी नीचे जाने लगा है। अभी जलस्तर 208.38 तक आ गया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि जिस तरह से यहां काम हो रहा है, हम सफल होंगे। यमुना का बहाव बहुत तेज है। उसे रोकना जरूरी है। यह समय किसी को दोष देने या टिप्पणी करने का समय नहीं है। अभी हमें टीम वर्क करने की जरूरत है। मैं भी बहुत कुछ कह सकता हूं लेकिन अभी इसकी जरूरत नहीं है।
वहीं केंद्रीय मंत्री मिनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली ने उन लोगों को वोट दिया है जो दिल्ली की मदद के लिए आज तैयार नहीं हैं। हर समय जब विपदा आती है तब काम करने की जगह वेबोलते हैं कि ये गृह मंत्रालय का काम है, ये LG ने किया है, हरियाणा पानी छोड़ रहा है, पर काम नहीं करते। उनके बयान में पंजाब खो जाता है…कोरोना के समय में केंद्र ने उन्हें ऑक्सीजन दिया था लेकिन उनके पास ऑक्सीजन रखने के पर्याप्त साधन नहीं थे।