चंद्रयान 3 सफलता पूर्वक लांच किया जा चुका है। इसरो वैज्ञानिकों ने लॉन्चिंग यान से सैटेलाइट के सफलतापूर्वक अलग करने की घोषणा कर दी है। सैटेलाइट को अब चंद्रमा की यात्रा शुरू करने के लिए लूनर ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया है।
23 से 24 अगस्त के बीच यह सैटेलाइट चंद्रमा के साउथ पोल के पास मैंजीनस- यू क्रेटर के पास लैंड करेगा। चंद्रयान3 को LVM3 – M4 रॉकेट 179 किलोमीटर ऊपर तक ले गया। उसके बाद उसने चंद्रयान-3 को आगे की यात्रा के लिए अंतरिक्ष में धकेल दिया। इस काम में रॉकेट को मात्र 16:15 मिनट लगे।
इस बार चंद्रयान-3 को LVM3 रॉकेट ने जिस ऑर्बिट में छोड़ा है वह 170X36,500 किलोमीटर वाली अंडाकार जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) है। पिछली बार चंद्रयान-2 के समय 45,575 किलोमीटर की कक्षा में भेजा गया था। इस बार यह कक्षा इसलिए चुनी गई है ताकि चंद्रयान-3 को ज्यादा स्थिरता दी जा सके।
आपको बता दें कि 170X36,500 किलोमीटर वाली अंडाकार जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट के जरिए चंद्रयान की ट्रैकिंग और ऑपरेशन ज्यादा आसान और सहज होगा। चंद्रमा की ओर भेजने से पहले चंद्रयान-3 को धरती के चारों तरफ कम से कम पांच चक्कर लगाने होंगे। हर चक्कर पहले वाले चक्कर से ज्यादा बड़ा होगा। ऐसा इंजन को ऑन करके किया जाएगा।