NDA के 25 साल पूरे होने पर इसकी सिल्वर जुबली मनाई जा रही है। इसे लेकर 18 जुलाई को नई दिल्ली में गठबंधन के घटक दलों की बड़ी बैठक आयोजित की जा रही है। बैठक के लिए अब तक 19 राजनीतिक पार्टियों को न्योता भेजा जा चुका है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक को 2024 के चुनाव के पहले शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है।
सबसे बड़ा सवाल ये आता है कि क्या जनता दल सेक्यूलर एनडीए में शामिल होगी? ये सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि सूत्रों के अनुसार कर्नाटक की जेडीएस, बीजेपी के साथ गठबंधन की इच्छुक है। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जेडीएस, बीजेपी के साथ कर्नाटक में गठबंधन करना चाहती है। हाल के दिनों में जेडीएस ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बीजेपी का साथ दिया है। एचडी देवेगौड़ा ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बचाव किया था।वहीं देवेगौड़ा नए संसद भवन के उद्घाटन में बाकी विपक्षी पार्टियों की अपील ठुकरा कर पहुंचे थे।
अगर संख्या बल की बात करें तो एनडीए विपक्ष पर भारी पड़ेगा। जहां बेंगलुरु में विपक्ष की 24 पार्टियां इकट्ठा होंगी, वहीं अशोक होटल में एनडीए के करीब 30 दल जुटने जा रहे है। हालांकि इनमें कई ऐसी पार्टियां भी हैं जिनकी ताकत संसद में नहीं है।
तमाम अटकलों के बावजूद टीडीपी और अकाली दल एनडीए का हिस्सा नहीं बनने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बीजेपी इन दोनों दलों से तालमेल नहीं करेगी। पंजाब में बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी और आंध्र प्रदेश में पवन कल्याण की जनसेना के साथ चुनावी गठबंधन किया जाएगा।