बेंगलुरु पुलिस ने शहर में ‘असामाजिक’ गतिविधि को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। बेंगलुरु पुलिस ने कहा कि पांचों संदिग्धों पर गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने कहा, ‘विशिष्ट सुरागों और सूचना के आधार पर हमने ये गिरफ्तारियां की हैं। वे बेंगलुरु में असामाजिक गतिविधि को अंजाम देना चाहते थे।
उन्होंने कह पकड़े गए पांचों आरोपियों को इससे पहले 2017 में गिरफ्तार किया गया था और 2019 में रिहा होने से पहले एक हत्या के मामले में 18 महीने तक जेल में थे।
बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर ने कहा, ‘प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि वे बेंगलुरु में आतंकी घटना को अंजाम देना चाहते थे। उनमें से दो कट्टरपंथी बन चुके हैं।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी 2017 के एक हत्या मामले में भी शामिल थे और उन्हें बेंगलुरु सेंट्रल जेल में नजीर नाम के एक व्यक्ति ने कट्टरपंथी बनाया था। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा नजीर 2008 बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट मामले में बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद है। पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने कहा कि पांचों आरोपियों के पास से सात पिस्तौल, कई जिंदा गोलियां, एक वॉकी-टॉकी और अन्य सामान बरामद किए गए हैं।
बेंगलुरु पुलिस आयुक्त के मुताबिक सेंट्रल क्राइम ब्रांच उन लोगों का पता लगाने में सफल रही है, जिन्होंने बेंगलुरु शहर में बर्बरता की वारदातों को अंजाम देने की योजना बनाई थी। पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके पास से हथियार और अन्य सामान बरामद किए गए हैं। कुल 6 संदिग्ध थे जिनमें से 1 फरार है। उसने ही अन्य 5 को शहर में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ये हथियार मुहैया कराए थे। गिरफ्तार किए गए सभी पांचों आरोपी सुहैल, उमर, जाहिद, मुदासिर और फैसल 25-35 आयु वर्ग के हैं और पैसे के लेनदेन के लिए डिजिटल भुगतान ऐप का उपयोग कर रहे थे।
सिटी पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद ने कहा कि सभी पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये सभी पहले से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं और इनके खिलाफ मामले भी दर्ज हैं। वे छोटे-मोटे अपराध कर रहे थे। सभी बेंगलुरु के आरटी नगर इलाके के रहने वाले हैं। विदेश में मौजूद व्यक्ति इन्हें फंडिंग और गोला-बारूद मुहैया कराने में मदद कर रहा था।
गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि यह एक बड़ी साजिश है और मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने की मांग की।