शुक्रवार को पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।
जनरल नरवणे ने कई विद्रोही समूहों को मिली चीन की सहायता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सीमावर्ती राज्यों में अस्थिरता समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छी बात नहीं है। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य’ विषय पर पत्रकारों से बात करते हुए जब उनसे मणिपुर को लेकर सवाल किया गया तब उन्होंने यह बात कही।
उग्रवादियों को मिलती है चीन से सहायता
उन्होंने कहा कि एक और बात जो मैं खासतौर पर कहूंगा कि कई उग्रवादी संगठनों को चीन की ओर से सहायता मिलती है। उग्रवादी संगठनों को चीन की मदद कई वर्षों से मिल रही है और यह अब तक जारी है।
पूर्वोत्तर राज्यों की हिंसक गतिविधियों में नशीले पदार्थों की तस्करी की भूमिका पर जनरल नरवणे ने कहा कि यह काम वहां काफी समय से जारी है। समय के साथ जब्त किए गए नशीले पदार्थों की मात्रा बढ़ी ही रही है। अग्निपथ योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह समय ही बताएगा कि यह अच्छी है या नहीं।
आपको बता दें कि मणिपुर हिंसा की जांच CBI को सौंप दी गई है। CBI ने अब तक 6 FIR दर्ज की हैं, और त्वरित कार्रवाई में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई के सूत्रों के हवाले से बताया गया है की ये सभी गिरफ्तारियां अलग अलग समय में हुई हैं। इसके अलावा महिलाओं को निर्वस्त्र परेड कराए जाने को लेकर भी सीबीआई FIR दर्ज करने की तैयारी में है।