प्रदीप भंडारी ने I.N.D.I.A गठबंधन के अंदर चल रहे विरोधाभास का विष्लेषण करते हुए बताया कि NDA से सामना करने से पहले इनका एकमत होना मुश्किल दिखाई दे रहा है।
बताते चलें कि विपक्षी दलों के नए गठबंधन- इंडियन नैशनल डिवेलपमेंट इनक्लूसिव अलायंस यानी INDIA का अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में कैसा प्रदर्शन रहेगा, इस बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी। जब विपक्ष आम सहमति से सीट-बंटवारे कर लेगा, तभी पता चलेगा कि वह सत्तारूढ़ खेमे को कितना परेशान कर पाएगा।
उन्होंने कहा विपक्षी गठबंधन ने आकार तो ले लिया है लेकिन जितने राज्य, उतने दल और उतनी ही समस्याएं हैं। अलग-अलग राज्यों में सीट बंटवारे को लेकर अलग-अलग पेच हैं। इनके पेंच कैसे सुलझेंगे ये देखना होगा।
बीजेपी का लंबे समय से यह मानना रहा है कि छोटी पार्टियों से गठजोड़ तभी करना चाहिए, जब इससे उसकी अपनी जीत की संभावना बढ़े। लेकिन अब बीजेपी हार-जीत का ख्याल किए बिना नंबर बढ़ाने के लिए छोटे दलों को अपने पाले में ला रही है।