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भारत में विदेशी नागरिकों के इलाज के लिए लॉन्च हुआ आयुष वीजा, अब भारत में बढ़ेगा मेडिकल टूरिज्म?

बुधवार को ग्रह मंत्रालय ने भारत में मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए वीजा की एक नई कैटेगरी शामिल की है, जिसे “आयुष वीजा” कहा जायेगा।

ग्लोबल वेलनेस इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट ‘द ग्लोबल वेलनेस इकोनॉमी: लुकिंग बियॉन्ड सीओवीआईडी’ के अनुसार, ग्लोबल वेलनेस इकोनॉमी सालाना 9.9% की दर से बढ़ेगी। मेडिकल वैल्यू ट्रैवल में जबरदस्त वृद्धि के कारण 2025 तक आयुष आधारित स्वास्थ्य देखभाल और वेलनेस इकोनॉमी, बढ़कर 70 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है।

बढ़ेगा मेडिकल टूरिज्म

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इस वीजा से भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही भारतीय चिकित्सा पद्धति को पूरे विश्व में पहचान भी मिलेगी।

उन्होंने कहा “अब मेडिकल टूर पर भारत आने वाले विदेशी भी यहां की पारंपरिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे। इसके लिए गृह मंत्रालय ने एक शानदार स्कीम की शुरुआत की है। इस स्कीम के तहत भारत में मेडिकल टूरिज्म पर आने वाले विदेशी नागरिक को अब नई कटेगरी का वीजा दिया जाएगा। इस वीजा का नाम ‘आयुष वीजा’ है।”

उन्होंने बताया की “खास बात यह है कि इस वीजा का लाभ सिर्फ वही विदेशी नागरिक उठा पाएंगे, जो पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति के तहत इलाज कराने के लिए भारत आना चाहते हैं। उदाहरण के दौर पर अगर विदेशी नागरिक आयुर्वेदिक इलाज या योग सीखने के लिए भारत आ रहा है, तो उसे ‘आयुष वीजा’ के तहत वीजा दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि भारत की पुरानी चिकित्सा पद्धति को विदेशों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने इस विशेष वीजा की शुरुआत की है।

आयुष वीजा का किया था ऐलान

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इस वीजा से भारत में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही भारतीय चिकित्सा पद्धति को पूरे विश्व में पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र के प्रयासों की वजह से ही यह सब संभव हो पाया है।

आपको बता दें पीएम मोदी ने साल 2022 में आयुष वीजा की शुरुआत करने का ऐलान किया था, ताकि इसे सरकार की हील इन इंडिया पहल के लिए भारत के रोडमैप का हिस्सा बनाया जा सके।

समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं

आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत को पूरी दुनिया में मेडिकल टूरिज्म के रूप में फेमस करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए मंत्रालय ने वन स्टॉप हील इन इंडिया पोर्टल भी विकसित किया है। कहा जा रहा है कि इस वीजा की शुरुआत होने से भारत का मेडिकल टूरिज्म बहुत तेजी के साथ ग्रोथ करेगा। साल 2025 तक आयुष आधारित हेल्थ केयर और वेलफेयर इकोनॉमी बढ़कर 70 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगी। खास बात यह है कि भारत में मेडिकल टूरिज्म के तहत आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय और पर्यटन विकास निगम भी पूरी कोशिश कर रहा है। हाल ही में दोनों मंत्रालय ने इसके लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं।

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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