Voice Of The People

कर्नाटक में मजाक बनकर रह गई है शासन व्यवस्था: अमित मालवीय का सिद्धारमैया सरकार पर हमला

गुरुवार को बीजेपी ने कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार पर जोरदार हमला किया। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कर्नाटक में शासन व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है। कांग्रेस को तभी वोट दें जब आप अपने राज्य से नफरत करते हों।

अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा “कर्नाटक में शासन व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है!

कांग्रेस ने जो 5 गारंटी दी थी, उनमें से एक भी लागू नहीं की गई।

विधायकों को विकास निधि से वंचित कर दिया गया है।

एससी/एसटी के लिए दिए गए 11,000 करोड़ रुपये चुनावी वादों को पूरा करने में खर्च किए जा रहे हैं।”

उन्होंने आगे लिखा “सिर्फ इतना ही नहीं, पुलिस इंस्पेक्टरों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच तीखी लड़ाई चल रही है। 1 अगस्त को, सिद्धारमैया ने गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर के माध्यम से 211 पुलिस निरीक्षकों के स्थानांतरण का आदेश दिया।

डीके शिवकुमार इस बात से नाराज थे कि उन्हें लूप में नहीं रखा गया और इससे भी बुरी बात यह है कि जाहिर तौर पर उनके (शिवकुमार) भाई की लोकसभा क्षेत्र में तैनात इंस्पेक्टर उनकी पसंद के नहीं थे…”

“इसलिए एक और आदेश पारित किया गया, जिसने मूल आदेश पर रोक लगा दी। हालांकि शर्मनाक बात यह है कि कंट्रोल रूम से पूरे कर्नाटक के सभी पुलिस स्टेशनों को एक संदेश भेजा गया था, जिसमें निरीक्षकों को नई पोस्टिंग के आधार पर अपने संबंधित स्टेशनों पर रहने और ड्यूटी पर न आने का निर्देश दिया गया था।”

उन्होंने कहा “कांग्रेस को वोट तभी दें जब आप अपने राज्य से नफरत करते हों।”

ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर शिवकुमार खेमे में नाराजगी

आपको बता दें कि कर्नाटक में पुलिस इंस्पेक्टरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार खेमे के नेताओं में नाराजगी नजर आ रही है। सूत्रों की मानें तो कुछ नेताओं ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में पुलिस निरीक्षकों के तबादले करते समय सांसदों और स्थानीय नेताओं की राय और सिफारिशों को ध्यान में नहीं रखा। वहीं मामला ऊपर तक गया तो हाल ही में जारी हुए इंस्पेक्टरों के ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी गई है।

दरअसल, पुलिस इंस्पेक्टरों की पोस्टिंग के दौरान, स्थानीय विधायक और सांसद उन निरीक्षकों के नामों की सिफारिश करते हैं, जिन्हें वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रखना चाहते हैं। जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस हारी है, वहां हारे हुए प्रत्याशियों की सिफारिशें रखी जाती हैं।

बताया जाता है कि इसी आधार पर थानों में इंस्पेक्टरों की पोस्टिंग होती है। हालांकि डीके शिवकुमार खेमे के नेताओं का आरोप है कि हारे हुए निर्वाचन क्षेत्रों में सिद्धारमैया के खेमे के मंत्रियों ने स्थानीय उम्मीदवारों, नेताओं या सांसदों की सिफारिशों पर विचार किए बिना अपनी पसंद के इंस्पेक्टरों को नियुक्त किया है।

SHARE
Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

Must Read

Latest