31 जुलाई को हरियाणा के नूह में हुई हिंसा का भयानक रूप अब सामने आ रहा है। नूह में हुई हिंसा में 22 साल के पानीपत के बजरंग दल के कार्यकर्ता अभिषेक चौहान की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हिंसा के बाद जब प्रदीप भंडारी अभिषेक के घरवालों से मिलने पानीपत पहुंचे, तो उन्हे एक भयावह कहानी सुनने को मिली।
प्रदीप भंडारी को अभिषेक के दोस्त गौरव ने ऐसी सच्चाई बताई जिसको सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए। करण ने बताया की पत्थरबाजी में उसके पेट पर गंभीर चोट लगी जिसके बाद वो और अभिषेक एक मंदिर के अंदर छुप गए। लेकिन कट्टरपंथियों ने मंदिर को चारों तरफ पहाड़ों से घेर कर गोलियां चलाईं। उनके पास खतरनाक हथियार थे और वो निशाना लगा लगा कर मार रहे थे।
गौरव ने प्रदीप भंडारी को घटना वाले दिन की कहानी सुनाते हुए बताया की “अभिषेक और उसके साथ पहले मंदिर से दर्शन करने के बाद दूसरे मंदिर की तरफ बढ़ रहे थे। तभी अचानक तीनों तरफ से यात्रा पर कट्टरपंथियों ने पत्थरों से हमला कर दिया। करीब एक से डेढ़ घंटे चली इस पत्थरबाजी में बजरंग दल के कई कार्यकर्ता घायल हुए। गौरव ने बताया की इसके बाद कट्टरपंथियों ने गाड़ियों और बसों में आग लगने शुरू कर दी, जिसके खौफ से सभी लोग मंदिर के अंदर जाकर छुप गए। यात्रा में भरी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
गौरव ने आगे बताया की जब अभिषेक और बाकी लोग मंदिर में थे तभी पहाड़ों पर से तीनों तरफ से घेर कर भक्तों पर गोलियां बरसाई जाने लगीं। उन कट्टरपंथियों के पास खतरनाक हथियार थे। इसी दौरान गेट पर महिलाओं और बच्चों की जान बचाने की कोशिश कर रहे अभिषेक को गोली लगी और वो वहीं गिर पड़ा। इसके बाद कट्टरपंथियों ने उसकी गर्दन पर धारदार हथियार से बार किया। अभिषेक के सिर को पत्थरों से भी कुचला गया।