विश्वविख्यात अर्थशास्त्री बैरी आइचेंग्रीन ने बीते सोमवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि अगर सरकार राजकोषीय संयम करती है और निजी बचत दरों में वृद्धि निश्चित रुप से करती है, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए अधिक धन उपलब्ध कराती है तो भारत अगले दशक में 8% की विकास दर हासिल कर लेगा।
बताते चलें कि बीते 30 नवंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था में बीते सितंबर तिमाही में 7.6% की वृद्धि हुई जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 6.2% की तुलना में निवेश और राजकोषीय व्यय है।
सबसे अहम बात यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी हालिया मौद्रिक नीति समिति की बैठक में देश के विकास अनुमान को बढ़ा दिया है। जो है जीडीपी 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए 7% तक।
भारत के उच्च सार्वजनिक ऋण को स्वीकार करते हुए आइचेंग्रीन का मानना है कि भारत वर्तमान स्थिति का प्रबंधन कर सकता है और बुनियादी ढांचे में सुधार के पिछले प्रयासों के अलावा शैक्षिक कमियों को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। ये बहुत बड़ी सफलता साबित होगी।