फिच रेटिंग्स को उम्मीद है कि 2024-25 में 6.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि के साथ भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ने वाले देशों में एक होगा। रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत आंकी है।
फिच ने एक रिपोर्ट में कहा है की चालू वित्त वर्ष में सीमेंट, बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों की मांग मजबूत बनी रहेगी। भारत के बढ़ते बुनियादी ढांचे के खर्च से स्टील की मांग को भी बढ़ावा मिलेगा। कारों की विक्रय में भी वृद्धि जारी रहेगी।
फिच रेटिंग एजेंसी ने कहा कि प्रमुख विदेशी बाजारों में धीमी वृद्धि से कमजोरी के बावजूद, भारत की घरेलू खपत से कारपोरेट क्षेत्र में मांग बढ़ती जायेगी। आंकड़ों के अनुसार लागत का दबाव कम होने से मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में कंपनियों के मुनाफे का स्तर 2022-23 के मुकाबले 290 आधार अंक तक बढ़ सकता है। इससे कारपोरेट जगत को उच्च पूंजीगत व्यय के बावजूद कर्मचारियों को बनाए रखने में मदद मिलेगी।