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आर्थिक रूप से काफी मजबूत है भारत, जानिए क्या कहते हैं अर्थशास्त्री

विश्व के बड़े बड़े अर्थशास्त्री मानते हैं कि भारत अब कमजोर नहीं, भविष्य में वैश्विक बाजार की अस्थिरता का सामना आसानी से कर सकता है।बताते चलें कि भारतीय जीरा की वैश्विक मांग को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, क्योंकि भारत में ऊंची कीमतों के कारण खरीदार सीरिया और तुर्की जैसे अन्य स्रोतों को पसंद करते हैं। उच्च घरेलू उत्पादन और वैश्विक बाजार में भारतीय जीरा की कीमत प्रतिस्पर्धात्मकता दोनों से प्रभावित होकर निर्यात बाजार निकट अवधि में कमजोर रहने की उम्मीद है।

भारत मे प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के कर्मचारी भी बहुत संख्या में है। वर्तमान सरकार भी अच्छे प्रयास कर रही है। अन्य देशों के राजनयिक भारत को अच्छी नजरों से देखते हैं। लेकिन फिर भी हम आर्थिक रूप से कुछ देशों के पीछे हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत आर्थिक रूप से कमजोर है।

वैश्वीकरण का लाभ विकसित देशों को अधिक मिलता है क्योंकि वे अन्य देशों में अपने बाज़ारों का विस्तार करने में सक्षम होते हैं। यह विकासशील देशों के लोगों के कल्याण से समझौता करता है। बाज़ार-संचालित वैश्वीकरण से राष्ट्रों और लोगों के बीच आर्थिक असमानताएँ बढ़ती हैं।

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Chandan Kumar Pandey
Chandan Kumar Pandeyhttp://jankibaat.com
Chandan Pandey has 5 year+ experience in journalism field. Visit his twitter account @Realchandan21

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