भारतीय रुपये ने 2024 की शुरुआत आशाजनक तरीके से की और बीते जनवरी में अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्रा बन गई है। डॉलर सूचकांक में 2 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
महीने के दौरान अन्य सभी एशियाई मुद्राओं में लगभग 1.4-4 प्रतिशत की गिरावट आई। बाजार सहभागियों ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो प्रवाह के कारण स्थानीय मुद्रा ने ग्रीन बैक के मुकाबले अपनी स्थिति फिर से हासिल कर ली।
जनवरी 2024 में घरेलू ऋण बाजार में 15,793 करोड़ रुपये का शुद्ध प्रवाह देखा गया। जेपी मॉर्गन ने भारत को अपने प्रमुख सूचकांक GBI-EM ग्लोबल डायवर्सिफाइड इंडेक्स में शामिल किया है।
बीते जून में भारत 1 फीसदी के साथ इस सूचकांक में शामिल हो जाएगा, अप्रैल 2025 में 10 प्रतिशत तक वजन हर महीने 1 प्रतिशत बढ़ जाएगा। इसके अतिरिक्त, ब्लूमबर्ग इंडेक्स सर्विसेज लिमिटेड ने भारत फुली एक्सेसिबल रूट बांड के प्रस्तावित समावेशन पर प्रतिक्रिया मांगने के लिए एक परामर्श पत्र लॉन्च किया है।