वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में ऐसी ही दूरदर्शिता का परिचय दिया। उन्होंने तात्कालिक राजनीतिक लाभ के बजाय दूरगामी एवं व्यापक लाभ को वरीयता दी, जिससे भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रयासों को और गति मिलेगी।
बताते चलें कि ऐसी योजनाओं से सतत आर्थिक वृद्धि एवं चहुंमुखी विकास के लिए संसाधनों का रणनीतिक आवंटन सुगम होता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में ऐसी ही दूरदर्शिता का परिचय दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का जो आह्वान किया था, उस सिद्धि को प्राप्त करने में अंतरिम बजट के कुछ प्रविधान संकल्प की भूमिका में दिख रहे हैं। इसी कड़ी में पहला कदम पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित करने का है। बुनियादी ढांचागत विकास सरकार की प्राथमिकताओं में बना हुआ है।
आधारिक संरचना को और मजबूत बनाने के लिए सरकार ने अवसंरचना क्षेत्र के लिए 11.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर 11.1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इसके माध्यम से रेलवे नेटवर्क, मेट्रो रेल, विमानन और हरित ऊर्जा पर काम किया जाएगा। बुनियादी ढांचे पर इतने भारी खर्च का अर्थव्यवस्था पर बहुआयामी प्रभाव देखने को मिलेगा।