दिल्ली बीजेपी के वर्तमान अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा हैं, जो पंजाबी समुदाय से आते हैं। अब कयास यह लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में अगला दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वैश्य समाज से हो सकता है, क्योंकि दिल्ली में वैश्य समाज की आबादी भी करीब 14 फीसदी है। पिछले कुछ महीनों में दिल्ली बीजेपी में वैश्य समाज का प्रतिनिधित्व लगातार कम हो रहा है। अगले साल विधानसभा चुनाव है, ऐसे में वैश्य समाज की अनदेखी बीजेपी पर भारी पड़ सकती है।
दिल्ली में वैश्य अध्यक्ष (आदेश गुप्ता) को हटाकर पंजाबी समुदाय से आने वाले वीरेंद्र सचदेवा को अध्यक्ष बनाया गया था। पार्टी के वरिष्ठ नेता मानकर चल रहे थे लोकसभा चुनाव और संगठन के अन्य पदों पर इसकी भरपाई को जायेगी। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्री का पद भी पंजाबी समुदाय के कोटे में चला गया।
एक वरिष्ठ नेता ने माना कि इस समय प्रतिनिधित्व का जो अनुपात आबादी के हिसाब से होना चाहिए वह नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष पंजाबी समुदाय से है तो माना जा रहा था कि वैश्य समाज से महामंत्री संगठन में होगा लेकिन यह भी नहीं हुआ। मंत्री भी वैश्य नहीं बनाया।
इसके उलट आम आदमी पार्टी में मुख्यमंत्री वैश्य समुदाय से हैं। विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल भी वैश्य समुदाय से हैं। राज्यसभा में एन डी गुप्ता को भेजा गया है। कुल मिलाकर विभिन्न पदों पर आम आदमी पार्टी में वैश्य समाज की नुमाइंदगी ज़्यादा है। दिल्ली में वैश्य समाज की आबादी 14 फ़ीसदी आसपास है। जबकि पंजाबी क़रीब 13 फ़ीसदी हैं। सबसे ज़्यादा दलित क़रीब 18 फ़ीसदी हैं।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 65 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाकर कुल सात लोकसभा सीट जीती थी। इसके बाद जब विधानसभा चुनाव हुए तो पार्टी केवल आठ सीट जीत पाई। जबकि आम आदमी पार्टी को 62 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत मिला । इस बार 2024 में बीजेपी सात लोकसभा ज़रूर जीती लेकिन उसकी बढ़त घटकर 52 विधानसभाओं में सिमट गई। इस हिसाब से विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ख़ेमे में ही तरह तरह को आशंकाएँ नज़र आ रही हैं।
माना जा रहा है कि वैश्य समाज से अगला बीजेपी अध्यक्ष हो सकता है। दिल्ली बीजेपी आने वाला विधानसभा चुनाव काफी मजबूती से लड़ने वाली है और उसका पूरा लक्ष्य होगा कि अरविंद केजरीवाल को सत्ता से हटाना। ऐसे में पार्टी केवल एक समाज पर नहीं बल्कि सभी समुदाय पर फोकस करेगी और उसमें वैश्य समाज सबसे अधिक है, जो लगातार भाजपा के साथ खड़ा रहा है।