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पीएम मोदी रूस के साथ भारत के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले गए, जानें पिछले 24 साल की कहानी

भारत और रूस के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों की जड़ें बहुत गहरी हैं। इन्हे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान और भी मजबूत किया है। नरेंद्र मोदी की रूस की पहली यात्रा 6 नवंबर, 2001 को हुई थी, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और राष्ट्रपति वलादिमीर पुतिन के साथ भारतरूस शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मास्को गए थे।

2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस यात्रा को याद करते हुए कहा कि यह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी पहली मुलाकात थी। उन्होंने कहा कि एक छोटे से राज्य से होने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपेक्षाकृत नए होने के बावजूद, राष्ट्रपति पुतिन ने उनके साथ बहुत सम्मान से पेश आए, जिससे एक स्थायी दोस्ती के द्वार खुल गए।

इस यात्रा के दौरान सीएम मोदी ने अपने राज्य गुजरात और रूसी प्रांत आस्ट्राखान के बीच सहयोग के लिए एक प्रोटोकॉल समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिसमें दोनों राज्य पेट्रो और हाइड्रोकार्बन क्षेत्रों, व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में एक साथ काम करने पर सहमत हुए।

बाद के वर्षों में, कई यात्राओं के माध्यम से ये संबंध मजबूत हुए। उल्लेखनीय है कि 2006 में मोदी ने आस्ट्राखान का दौरा किया और गवर्नर अलेक्जेंडर झिलकिन से मुलाकात की, तथा सहयोग के लिए प्रोटोकॉल समझौते को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया। 2009 में उन्हें चौथे अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सप्ताह को संबोधित करने तथा 9वें रूसी तेल एवं गैस सप्ताह सम्मेलन में मुख्य भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया। मुख्यमंत्री मोदी ने रूसी भाषा में प्रस्तुति देकर रूसी व्यापारियों को चकित कर दिया।

इन मुलाकातों ने गुजरात-रूस साझेदारी की नींव रखी, खास तौर पर ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों में। आज, इस मजबूत रिश्ते का लाभ पूरे देश को मिल रहा है।

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