प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान सम्मेलन में शामिल होने के लिए लाओस दौरे पर हैं। उनके दौरे का आज दूसरा दिन है। शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने आसियान के प्रमुख नेताओं व अन्य देशों के प्रमुखों को भारत में निर्मित कुछ खास तोहफे उपहार में दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री को चांदी से बने मोर की मूर्ति उपहार में दी है, जोकि भारत के पश्चिम बंगाल के कारीगरों की प्रतिभा को दर्शाती है।
इस उत्कृष्ट चांदी की मोर मूर्ति को जटिल नक्काशी (नक्काशी) के काम से सजाया गया है, जो पश्चिम बंगाल से आया है। शिल्प कौशल पारंपरिक धातु की कलात्मकता की पहचान है, जिसमें सटीक विवरण और सांस्कृतिक प्रतीकवाद का संयोजन है, जो इस क्षेत्र की कलात्मक विरासत को दर्शाता है।
मूर्ति में एक शाही मोर है, जो भारतीय संस्कृति में सुंदरता और गौरव का प्रतीक है। मोर को एक संतुलित मुद्रा में चित्रित किया गया है, जिसकी गर्दन सुंदर ढंग से ऊपर की ओर मुड़ी हुई है और उसके पंखों पर विस्तृत विवरण दिया गया है। इसकी लंबी, पंखे के आकार की पूंछ नीचे की ओर झुकी हुई है, जो पंखों के पैटर्न के साथ आंखों को आकर्षित करती है। मोर को एक शाखा पर बैठा दिखाया गया है, जिसे भी सावधानीपूर्वक उकेरा गया है। कलाकार ने मोर के अलग-अलग पंखों को उकेरा है, उनकी परतदार बनावट और पक्षी की विशिष्ट इंद्रधनुषी गुणवत्ता को कैप्चर किया है। लंबी पूंछ पर प्रत्येक पंख को आंख के आकार की आकृति से सजाया गया है, जो मोर के पारंपरिक भारतीय चित्रण का संकेत है।
नक्काशी, या हाथ से नक्काशी, इस मूर्ति का सबसे खास पहलू है। इस तकनीक में अक्सर हथौड़े और छेनी का उपयोग करके चांदी की सतह पर सीधे विस्तृत पैटर्न उकेरना शामिल है। इसका परिणाम मोर के शरीर, पंखों और आसपास के वातावरण का अत्यधिक बनावट वाला और जीवंत प्रतिपादन है। यह चांदी की मोर की मूर्ति भारतीय नक्काशी काम का एक उल्लेखनीय उदाहरण है। विस्तृत नक्काशी और कलात्मकता इस मूर्ति को सिर्फ़ एक सजावटी वस्तु से कहीं अधिक बनाती है।