कर्नाटक सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है। इसे लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी नेताओं को खरी-खरी सुनाई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा था कि उतनी ही गारंटी का वादा करें, जितना दे सकें, वरना सरकार दिवालियापन की तरफ चली जाएगी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को घेरा है।
पीएम मोदी ने कहा, “कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी विकास करने की बजाय पार्टी की अंदरूनी राजनीति और लूट में व्यस्त है, इतना ही नहीं वे मौजूदा योजनाओं को भी वापस लेने जा रहे हैं। इतना ही नहीं वे मौजूदा योजनाओं को भी वापस लेने जा रहे हैं। देश के लोगों को झूठे वादों की कांग्रेस प्रायोजित संस्कृति के खिलाफ सतर्क रहना होगा। हमने हाल ही में देखा कि कैसे हरियाणा के लोगों ने उनके झूठ को खारिज कर दिया और एक ऐसी सरकार को पसंद किया जो स्थिर, प्रगति उन्मुख और कार्रवाई से प्रेरित हो। पूरे भारत में यह अहसास बढ़ रहा है कि कांग्रेस को वोट देना मतलब गैर-शासन, खराब अर्थव्यवस्था और बेमिसाल लूट के लिए वोट देना है। भारत के लोग विकास और प्रगति चाहते हैं, न कि वही पुराने कांग्रेस के फेक प्रॉमिस।”
The Congress Party is realising the hard way that making unreal promises is easy but implementing them properly is tough or impossible. Campaign after campaign they promise things to the people, which they also know they will never be able to deliver. Now, they stand badly…
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2024
पीएम मोदी ने X पर आगे लिखा, “हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जाता, तेलंगाना में किसान अपने वादे के मुताबिक छूट का इंतजार कर रहे हैं, इससे पहले छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उन्होंने (कांग्रेस ने) कुछ भत्ते देने का वादा किया था, जो पांच साल तक लागू नहीं हुए। कांग्रेस किस तरह काम करती है, इसके कई उदाहरण हैं। हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां विकास की गति और वित्तीय सेहत बद से बदतर होती जा रही है। उनकी तथाकथित गारंटी अधूरी पड़ी है, जो इन राज्यों के लोगों के साथ एक भयानक धोखा है। ऐसी राजनीति का शिकार गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं, जिन्हें इन वादों का लाभ नहीं मिल रहा है।”