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अब तारीख नहीं न्याय मिलता है… गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में कानूनी सुधार आम जनता के हित में

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 को लागू हुए एक साल पूरा गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में इसे लागू किया गया ताकि आम लोगों को जल्द न्याय मिल सके। इसमें कुछ कृत्यों को अपराध की श्रेणी से हटाया गया, कुछ को फिर से परिभाषित किया गया और कुछ नए अपराधों को शामिल किया गया। अब तक भारत के इतिहास में गृह मंत्री अमित शाह को छोड़कर किसी भी गृह मंत्री ने इतने गहरे कानूनी सुधार नहीं किए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन कानूनों की जमकर तारीफ की। अमित शाह ने कहा कि इन तीन नए आपराधिक कानूनों को बनाना और लागू करना स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा सुधार है। इन कानूनों को इस तरह से तैयार किया गया है ताकि नागरिकों के सभी अधिकार सुरक्षित रहें और कोई भी अपराधी सजा से न बच पाए। भारतीय न्याय संहिता यानी BNS, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी के बाद पिछले साल लागू किया गया था।

1 जुलाई, 2024 से सभी नई एफआईआर बीएनएस के तहत दर्ज की गईं। हालांकि पहले दर्ज किए गए मामलों पर अंतिम निपटारे तक पुराने कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाता रहा। नए कानूनों ने आधुनिक न्याय प्रणाली लाई, जिसमें जीरो एफआईआर, पुलिस शिकायतों का ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन, एसएमएस जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से समन और सभी जघन्य अपराधों के लिए अपराध स्थलों की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल हैं।

BNS से क्या बदला?

• न्याय में अब देरी नहीं होती।

• एफआईआर तेजी से दर्ज की जा रही हैं।

• नागरिक केंद्र में हैं। कानून पर भरोसा बढ़ रहा है।

• जटिलता कम हो रही है।

• डिजिटल प्रणाली तैयार है। यह केवल कानूनी सुधार नहीं है – यह भारत में न्याय का पुनर्जन्म है।

• भारतपोल की शुरुआत – इंटरपोल जैसी राष्ट्रीय आपराधिक डेटाबेस प्रणाली

• कानून को सरल बनाया गया – धाराएँ 511 (आईपीसी) से घटाकर 358 कर दी गईं

• 20 आधुनिक अपराध जोड़े गए – आतंकवाद (धारा 111), संगठित अपराध, डिजिटल धोखाधड़ी

• 19 अप्रचलित कानून हटाए गए – कानूनी स्पष्टता बढ़ाई गई

• 33 अपराधों में कड़ी सज़ा – जैसे बलात्कार की सज़ा अब 10 साल (7 से बढ़कर)

• 83 अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया – आर्थिक वास्तविकताओं को दर्शाता है

• 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सज़ा – सख्त न्याय सुनिश्चित करना

• सामुदायिक सेवा शुरू की गई – 6 छोटे अपराधों में सुधारात्मक न्याय

• हिट-एंड-रन की सज़ा बढ़ाई गई – अगर ड्राइवर भाग जाता है तो 10 साल तक की सज़ा

• चिकित्सा लापरवाही पर संतुलित दृष्टिकोण – सामान्य तौर पर 5 साल, डॉक्टरों के लिए 2 साल

• बाल संरक्षण बढ़ाया गया – सामूहिक बलात्कार पीड़िता की उम्र 16 से बढ़ाकर 18 की गई

• 8.6 लाख पुलिस और 43,000 जेल अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया

• अपराधों को समेकित किया गया – ताकि तेज़ सुनवाई और बेहतर व्याख्या हो सके

• इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वैध बनाया गया – साइबर अपराध के तेज़ी से समाधान को सक्षम बनाया गया

• बीएनएस ऐप – पुलिस और वकीलों को तेज़ सेक्शन एक्सेस के साथ सशक्त बनाना

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