हाल ही में चल रहे आम आदमी पार्टी से जुड़े विवाद, जिसमे पार्टी ने राज्यसभा भेजने के लिए ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया जो कोई नामी व्यक्ति नहीं थे, और उनमे से एक कांग्रेस छोड़कर आप से हाल ही में जुड़े थे, काफी सुर्खियां बटोर रहा है. इसी सम्बन्ध में हम आम आदमी पार्टी की फौन्डिंग मेमबर और वर्तमान में बीजेपी कार्यकर्ता, शाज़िया इल्मी से बातचीत करने पहुंचे. पढ़िए जन की बात के फाउंडर-सीईओ प्रदीप भंडारी के द्वारा लिया गया उनका इंटरव्यू.
सवाल – आपके द्वारा किया गया अरविन्द केजरीवाल के लिए ट्वीट, “ऐसा कोई सागा नहीं, अरविन्द केजरीवाल ने जिसको ठगा नहीं”. उसके क्या मायने हैं, आप क्या कहना चाह रही थी उस ट्वीट के जरिये?
https://twitter.com/Binakahelunga/status/949124937893142530
जवाब – अन्ना हज़ारे आंदोलन के गर्भ से निकली पार्टी, जिसका काम था भ्रष्टाचार से लड़ना, आम इंसान की राजनीती में वापिस पहुंचाना, सड़क से संसद/विधान सभा पहुँचाना. अरविन्द ऐसे इंसान हैं जिन्होंने एक एक करकेअपने स्वार्थ के लिए, अन्ना हज़ारे (जिन्होंने आंदोलन को एक पहचान दी), प्रशांत भूषण (जिन्होंने कानून के क्षेत्र में बहुत अच्छे काम किये हैं), योगेंद्र यादव (जिन्होंने संगठन को मजबूत किया), मैं हूँ (कॉन्फरेन्सेस करवाना, मीडिया में पार्टी को नयी पहचान देना हो), कुमार विश्वास हों जिन सबको अरविन्द ने पार्टी से दूर करदिया. और भी कार्यकर्ता थे जो पार्टी से दूर किये गए. फिर चाहे वो मयंक गाँधी हों, अंजलि धमनिया हों इन सबको जो कोर अन्ना टीम थी वो पार्टी से बिछड़ गये हैं. बिछड़े सभी बारी बारी
सवाल – कुमार विश्वास के मुद्दे पर जब हमने संजय सिंह से बात की तो उन्होंने कहा की हम उन्हें मना लेंगे, उनका पहले भी मनमुटाव रहता था और अरविन्द केजरीवाल पर ऐसे इलज़ाम लगाना ठीक नहीं है. उन्होंने यह भी उदहारण दिया की अरविन्द केजरीवाल ने हमेशा ऐसे लोगों को टिकट दिया है जो बिलकुल आम थे.
जवाब – देखिये अरविन्द कभी सिद्धांत की लड़ाई नहीं लड़ रहे थे, आप देखिये जब 2015 में आप को 67 सीटें आयी थी दिल्ली में, उनमे कैसे प्रत्याशी उतरे थे. जब मैं प्रथम बार आर.के. पुरम से चुनाव लड़ रही थी तब वहां मेरे सामने बसपा के प्रत्याशी शराब बंटवाते थे, जिसके सम्बन्ध में मैंने पुलिस और इलेक्शन कमीशन में शिकायत भी की थी, अरविन्द ने उन्ही की पत्नी को 2015 में आर. के. पुरम से टिकट दिया. इसके अलावा भी कई मुद्दे थे जिसपर कुमार विश्वास को आवाज़ उठानी चाहिए थी. जब मयंक गाँधी को पार्टी ने केवल सच बोलने के लिए निकाल दिया, तब भी कुमार विश्वास नहीं बोले. मैं मानती हूँ उन्हें आवाज़ उठानी चाहिए थी पहले भी, अब जब उनको खुद को टिकट यहीं मिला तो वो आवाज़ उठा रहे हैं तो यह गलत है. मुझे सबसे बड़ी दुश्वारी है की पार्टी ने कैसे अरबपतियों, करोड़पतियों को टिकट दिया, जिनका आंदोलन से कभी कोई लेना देना नहीं था. पार्टी ने ऐसे इंसान को टिकट दिया जो कभी कांग्रेस में थे और आम आदमी पार्टी के खिलाफ लड़े. किसी भी विस्सल ब्लोअर को देना चाहिए था, किसी आम आदमी को देते. किसी नागरिक को दे सकते थे जिसने जनता के लिए काम किया होता.
सवाल – पार्टी ने कहा है की चूँकि गुप्ता जी ने चंदा दिया इसलिए हमने उन्हें टिकट दिया, और दूसरी पार्टियां भी ऐसा करती हैं तो क्या दिक्कत है?
जवाब – इस हिसाब से आम आदमी पार्टी को अपने आप को ‘आम’ आदमी पार्टी नहीं कहना चाहिए. हज़ारों लाखों लोगों ने अपनी नौकरियों को छोड़ कर यह आंदोलन शुरू किया था, ऐसे दिन देखने के लिए? आम आदमी पार्टी एक परिवर्तन करने आयी थी, न की और पार्टियों जैसी बनने आयी थी. पार्टी की एक विचारधारा थी, वो कहाँ गयी? आम आदमी पार्टी सबसे ज्यादा भ्रष्ट बन गयी है. इस पार्टी का बहुत तेज़ी से पतन हुआ है. अन्ना हज़ारे आंदोलनों के सारे उसूलों को अरविन्द जी ने मार दिया है.
सवाल – पार्टी में अरविन्द केजीरवाल के पास किस प्रकार की पावर है? क्या जो वो बोलते हैं वही होता है? कहते हैं आम आदमी पार्टी, एक अरविन्द केजरीवाल पार्टी बन गयी है. क्या यह सच है?
जवाब – पार्टी में उनकी मन मानी भी चलती है और धन मानी भी. उन्होंने हम सभी कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल किया सिर्फ सत्ता में आने के लिए . दुनिया देख रही है की वो क्या कहते थे और क्या कर रहे हैं. उन्हें सिर्फ धन का लोभ थे और उन्होंने इसीलिए हमसे अभी को इस्तेमाल किया
सवाल – अगर अरविन्द जी यह इंटरव्यू देख रहे हैं , उनके लिए क्या सन्देश है?
जवाब – उन्हें सभी कार्यकर्ताओं की बद्दुआ लगेगी, जो आम कार्यकर्ता थे उनके उसूलों का क़त्ल किया और सभी की मेहनत का इस्तेमाल किया. बहुत अफ़सोस होता है जिस तरह अरविन्द ने अपने सिद्धांतों की बलि चढ़ा दी है.