बीते 9 जनवरी को दिल्ली में एक युवा हुंकार रैली आयोजित हुई, जिसे जिग्नेश मेवानी ने मुख्य तौर पर सम्बोधित किया. इसमें कई छात्र नेता एवं लेफ्ट के अन्य नेता भी मौजूद रहे. आइये जानते हैं वहां मौजूद वक्ताओं का क्या था इस हुंकार रैली के बारे में कहना. ‘जन की बात‘ की फाउंडिंग-पार्टनर आकृति भाटिया ने वहां मौजूद सभी महत्त्वपूर्ण नेताओं से बात की और उनसे इस रैली के विषय में उनकी राय जाननी चाही.
शेहला राशिद, पूर्व वाईस-प्रेसिडेंट जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय स्टूडेंट्स यूनियन से बातचीत
आकृति भाटिया – इस युवा हुंकार रैली का मकसद क्या है? आपकी मुख्य मांगें क्या हैं?
शेहला राशिद – रैली का मुख्य उद्देश्य चन्द्रशेखर की रिहाई की मांग करना था. इसके अलावा हमने शिक्षा, किसानों, जमीन, रोजगार के अधिकारों की बात की. इसके अलावा युवा वर्ग पर जो अत्याचार हो रहा है उसके विषय में भी रैली में बात की गयी.
आकृति भाटिया – क्या जो दलित और अंबेडकर आंदोलन है उसे कहीं न कहीं लेफ्ट एप्रोप्रियेट कर रहा है, ऐसा बोल जा रहा है. हम कैसे सारे आंदोलनों का एक आंदोलन में समावेश करके आगे ले जा सकते हैं?
शेहला राशिद – ये हुंकार रैली किसी लेफ्ट ध्वज के अंतर्गत आयोजित नहीं हुई थी. यहाँ आपको कोई लाल झंडा नहीं दिखे, कोई हल नहीं दिखेगा, कोई भी ऐसा सिंबल नहीं दिखेगा जो लेफ्ट से जुड़ा हो. यहाँ जो भीड़ जुटी है वो सब संगठित भीड़ का हिस्सा हैं, इन्हे किसी पार्टी बैनर के अंतर्गत नहीं बुलाया गया है. जैसा की माना जा रहा है उसके ठीक विपरीत यह सब यहाँ खुदसे आये हैं. जैसे चंद्रशेखर जब अरेस्ट हुए, तो दलितों की सबसे बड़ी नेता मायावती ने उन्हें बीजेपी का एजेंट कहा. उन्होंने चंद्रशेखर का समर्थन नहीं किया. इस वजह से चंद्रशेखर को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. जब आपको अपने समुदाय से ही सहारा नहीं मिलता तबतो आपको खुद उठकर खड़े होकर आवाज़ उठानी पड़ती है और यह सब हम किसी पार्टी के बैनर के तले नहीं कर रहे हैं. यहाँ जुटी भीड़, जैविक भीड़ है.
आकृति भाटिया – जन की बात एक युवा पीढ़ी का मंच है, उनके लिए आपका क्या सन्देश होगा?
शेहला राशिद – युवा पीढ़ी को अपने दिमाग का इस्तेमाल करना होगा, अपनी सोंच को स्वतंत्र रखना होगा. किसी भी चीज़ पर आँख मूँद कर भरोसा नहीं करना चाहिए. आज की युवा पीढ़ी के सामने यह चुनौती है की कैसे वो गलत ख़बरों को दरकिनार करते हुए सही विचार को अपनाएं. युवा पीढ़ी को खड़े होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा.
Why the speakers at #YuvaHunkarRally demanded the release of Chandrashekhar? Answers @Shehla_Rashid in an exclusive interview with Jan Ki Baat's founding-partner @AkritiBhatiaa.
Complete interview link – https://t.co/oAZRUI6uVb@pradip103 pic.twitter.com/NVjY83c2ms— Jan Ki Baat (@jankibaat1) January 11, 2018
गुजरात के वडगाम से अपक्ष विधायक जिग्नेश मेवानी का स्टेटमेंट
जिग्नेश मेवानी – “हम अपनी बात रखना चाहते हैं, बड़ी विनम्रता से अपनी बात रखना चाहते हैं. हम प्रधानमंत्री से केवल यह कहना चाहते हैं की, २ करोड़ रोजगार का वादा पूरा हो, कैंपस में छात्रों पर हो रहा अत्याचार रुके, युवा नेताओं को टारगेट न किया जाये. युवा नेता अखिल गोगोई को टारगेट न किया जाये. हम प्रधानमंत्री कार्यालय में एक डेलीगेशन लेकर जाना चाहता हैं और उनसे अपने सवाल रखना चाहते हैं. इस देश में सबसे बड़ा विपक्ष देश का युवा वर्ग है. पुलिस का काम सरकार और विपक्ष के बीच एक बेहतर संवाद सुनिश्चित करना होता है. हम शांतिपूर्ण ढंग से यह कहना चाहते हैं इस देश में संविधान पूर्ण रूप से लागू हो और चंद्रशेखर की रिहाई हो.”
"हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रधानमंत्री के सामने अपनी बात रखना चाहते हैं और यह कहना चाहते हैं कि देश में संविधान को पूरी निष्ठा से लागू किया जाए", कहना था @jigneshmevani80 का। देखिए जन की बात की एक्सक्लूसिव कवरेज।@pradip103 @AkritiBhatiaa #JigneshMevani #JigneshMevaniInDelhi pic.twitter.com/zSiGrYVNad
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) January 10, 2018
समाजसेवी स्वामी अग्निवेश से बातचीत
आकृति भाटिया – आप किस तरह से इस रैली में हिस्सेदारी कर रहे हैं?
स्वामी अग्निवेश – साथी चंद्रशेखर की गिरफ़्तारी गलत हुई है. कोरेगाव में हिंदुत्व ताकतों द्वारा की गयी पत्थरबाज़ी जो हुई वो गलत था
आकृति भाटिया – दलित और अंबेडकर आंदोलन है उसे कहीं न कहीं लेफ्ट एप्रोप्रियेट कर रहा है
स्वामी अग्निवेश – मुद्दे जितने हैं वो पुरे देश को जोड़ रहे हैं. देश का एक बड़ा तबका अपने आपको प्रताड़ित महसूस कर रहा है. किसान, मजदुर, दलित, आदिवासी सब के सब यह देख रहे हैं की मोदी सरकार फेल हो रही है और उनका दमन का चक्र तेज़ हो रहा है.
आकृति भाटिया – बोला जा रहा है युवा रैली में लोग गैरकानूनी रूप से इक्कठे हुए हैं क्यूंकि इस रैली के लिए पुलिस द्वारा परमिशन नहीं था?
स्वामी अग्निवेश – मुझे लगता है ऐसे अच्छे काम के लिए पुलिस परमिशन न दे यह भी एक गलत बात है.
रामा नागा, एक्स-जनरल सेक्रेटरी जवाहरलाल नेहरू स्टूडेंट्स यूनियन से बातचीत
आकृति भाटिया – मेवानी एक दलित नेता के रूप में उभरे थे, लेकिन क्या अब वो लेफ्ट नेताओं के साथ मिलकर दलित और अंबेडकर आंदोलन को खत्म तो नहीं कर रहे हैं?
रामा नागा – देखिये अभी जिस तरह का माहौल है देश भर में, उसमें जितने भी लोग प्रो-संविधान, प्रो-सेकुलरिज्म, प्रो-डेमोक्रेसी हैं उन्हें एक साथ आना होगा. जिग्नेश मेवानी और उनके समुदाय पर जो अत्याचार हुआ है, वो इसे समझते हैं और इसीलिए साथ आना चाहते हैं.
आम आदमी पार्टी के फाउंडिंग मेंबर एवं पूर्व आप लीडर और सीनियर अधिवक्ता प्रशांत भूषण से बातचीत
आकृति भाटिया – क्यों परमिशन नहीं दी जा रही थी इस बड़ी युवा रैली की पुलिस के द्वारा?
प्रशांत भूषण – सरकार को यह डर है की अगर देश का युवा खड़ा हो गया तो उनकी हिंसा, नफरत और झूठ की राजनीती बंद हो जाएगी तो इस रैली को विफल करने के लिए उनकी कोशिश पूरी थी.
आकृति भाटिया – रामलीला मैदान में यह रैली क्यों नहीं की गयी?
प्रशांत भूषण – वो मैदान थोड़ा दूर पड़ता है, पैसे भी लगते हैं. इनकी यह पॉलिसी गलत है की सेंट्रल दिल्ली में धारा 144 लगायी गयी है. सभी जनों को पूरा मौलिक अधिकार है रैली करने का, मिलने का, मीटिंग करने का बशर्ते वो कोई ऑब्स्ट्रक्शन न पैदा करें.
आकृति भाटिया – इस युवा रैली में अहम् मुद्दे क्या हैं? ऐसा बोला जा रहा है, की चूँकि इस रैली में मेवानी द्वारा भीड़ बुलाई गयी थी जोकि एक दलित चेहरा हैं लेकिन यहाँ लेफ्ट के नेताओं की मौजूदगी की वजह से ऐसा कहा जा रहा है की अब वो लेफ्ट नेताओं के साथ मिलकर दलित और अंबेडकर आंदोलन को खत्म तो नहीं कर रहे हैं?
प्रशांत भूषण – मैं तो इसे एक नए युवा और छात्र आंदोलन के रूप में देख रहा हूँ और यह सिर्फ दलितों के लिए आंदोलन नहीं है, यह आंदोलन हिंसा, झूठ, नफरत, लोगों को एक दूसरे से लड़ाने, अल्पसंख्यकों, दलितों के खिलाफ दष्प्रचार करने की राजनीती के खिलाफ है.
आकृति भाटिया – ऐसा आरोप है की कांग्रेस इस पूरे आंदोलन को आउटसोर्स कर रही है, सपोर्ट कर रही है, उसपर क्या कहेंगे?
प्रशांत भूषण – ऐसा कुछ नहीं है, यह पूर्णतयः स्वतंत्र आंदोलन है.
आखिर क्यों युवा हुंकार रैली रामलीला मैदान में नहीं की गयी१ जानिये प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं आम आदमी पार्टी के फाउंडिंग-मेंबर @pbhushan1 का जवाब। यह इंटरव्यू जन की बात की फाउंडिंग-पार्टनर @AkritiBhatiaa द्वारा लिया गया है।@pradip103
पूरा वीडियो – https://t.co/G8x1GqmV6d pic.twitter.com/YXeS62WEmO— Jan Ki Baat (@jankibaat1) January 11, 2018