बलात्कारियों को 3 महीनों के अंदर सज़ा मिलनी चाहिए। इंसाफ़ का एहसास तब होता है जब वो समय पर मिले। 6 years, after #Nirbhaya case, has justice finally been delivered? #NirbhayaVerdict #CapitalPunishment. #JanChaupalPradip Bhandari Akriti BhatiaRahul Kumar Prins Bahadur Singh Md Tahseen Raza Anushree M Rastogi
Posted by Jan ki Baat on Monday, July 9, 2018
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली ने एक ऐसी घटना को अपनी ऑंखों से देखा कि 17 दिसंबर को हर किसी ने उस मनहूस दिन को कोसा। 6 आदमी और एक औरत, उस औरत के साथ हुई दरिंदगी के बारे में अगर कोई सिर्फ सोच भी ले तो ऑंखे और गला दोनो भर आते है। 16 दिसंबर 2012 की उस मनहूस रात को 6 दरिंदो ने हवस की सारी हदें पार कर दी और अगले ही दिल्ली ने एक होकर निर्भया कि खातिर हर उस हद को तोड़ कर किनारे रख दिया जिसे कभी किसी ने हिलाने कि भी ना सोची हो। करीब 14 दिन तक जिंदगी के लिए लड़ने वाली निर्भया ने आखिर 29 दिसंबर को दम तोड़ दिया लेकिन उसकी हर खुशी, हर अरमान को छीन लेने वाले 6 दंरिदे है- राम सिंह (मृत-मार्च 2013), अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मोहम्मद अफरोज़ (नाबालिग-फिलहाल दक्षिण भारत में कहीं बार्वची के तौर पर कार्यरत है)।
आपकों बता दें कि इन छह दंरिदों में से नाबालिग बलात्कारी मोहम्मद अफरोज़ को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अंतर्गत तीन साल की सबसे अधिकतम सज़ा सुनाई गई। लेकिन बाकि बचे चार बलात्कारियों को 10 सिंतबर 2013 को दोषी मानते हुए फांसी की सज़ा सुनाई गई। 13 मार्च 2014 को दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषियों की मौत की सज़ा को बरकरार रखा जिसके बाद आरोपियों ने एक बार फिर दया याचिका की भीख सुप्रीम कोर्ट से मांगी। करीब छह साल तक चलने वाले इस मामले में 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर अपना फैसला सुनाते हुए चार में से तीन आरोपियों की दया याचिका को खारिज कर दिया है।
निर्भया के साथ जो हुआ वो दिल दहला देने वाला था और पूरे देश ने निर्भया के लिए जल्द से जल्द इंसाफ की गुहार लगाई लेकिन फिर भी छह साल लग गए निर्भया को इंसाफ मिलने में। इस देश की राजधानी के लोगो का क्या कहना है ये जाना जन की बात की फाउडिंग पार्टनर आकृति भाटिया ने। जन की बात ने जन चौपाल कि और चौपाल में मौजूद लोगो से जाना कि उन्हें क्या लगता है? क्या ये फैसला देर से आया? क्या निर्भया के साथ इंसाफ हुआ है? क्या आप खुद दिल्ली में सुरक्षित महसूस करते हैं? चौपाल में मौजूद करीब 90 प्रतिशत लोगो को लगता है कि निर्भया को इंसाफ मिलने में देरी हुई है। तो वहीं चौपाल में मौजूद अधिकतर जनता कि मांग थी कि रेप केस के आरोपियों को सिर्फ फांसी की सज़ा ही मिलनी चाहिए। देखिए जन की बात कि ये जन चौपाल-