नितेश दूबे, जन की बात
दरअसल 2 दिन पहले बिहार में एक 3 साल के बच्चे की मौत हो जाती है और उसकी मौत लापरवाही के कारण होती है। बच्चे को दवा के लिए जहानाबाद से पटना रेफर किया जाता है लेकिन एंबुलेंस ना मिलने के कारण देरी होती है और बच्चे की मौत मां कि गोंद में ही हो जाती है। इस पूरे घटना का खुलासा पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने किया। प्रशासन इतना लापरवाह है कि मरने के बाद उसके शव को ले जाने के लिए भी एंबुलेंस नहीं मिलता है।
एम्बुलेंस संचालन का जिम्मा जेडीयू सांसद के पास
पत्रकार उत्कर्ष सिंह के मुताबिक जिस अस्पताल की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत होती है उस अस्पताल के एंबुलेंस संचालन का जिम्मा जेडीयू सांसद के पास है और सांसद जी भी उसी इलाके के सांसद हैं। जेडीयू नेता चंदेश्वर प्रसाद जहानाबाद से सांसद है। जेडीयू सांसद के तीन बेटे हैं और तीनों का 37% शेयर एंबुलेंस संचालन करने वाली कंपनी में है। एंबुलेंस संचालन करने वाली कंपनी का नाम है पशुपति नाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स लि.।
सांसद के बड़े बेटे 2 साल पहले 2017 में कंपनी के डायरेक्टर बने और इसी वर्ष कंपनी को पूरे बिहार में एंबुलेंस संचालन करने का जिम्मा मिल गया। इस समय चंदेश्वर सिंह बिहार विधान सभा के सदस्य थे और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष भी थे। बताया जा रहा है की 28 साल पुरानी कंपनी है लेकिन जेडीयू सांसद के कारण कंपनी को 3 महीने में बड कॉन्ट्रैक्ट मिल गया और जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं।
ध्यान हो की बच्चे को सर्दी-जुखाम और बुखार था और उसकी कोरोना जांच भी नहीं हुई है।
स्वास्थ व्यवस्था बदहाल
आपको बता दें कि बिहार में पिछले 15 साल से नीतीश कुमार सीएम है और बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था काफी बदहाल है और देश में सबसे खराब भी है। बिहार में प्रति हजार व्यक्ति पर 0.11 बेड है। इससे बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का अंदाजा आपको हो सकता है। कुछ ही महीनों पहले बिहार में चमकी बुखार का प्रकोप आया था जिसमें सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई थी। उस समय भी बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और सरकार काफी लापरवाह नजर आई थी। नीतीश कुमार ने मीडिया को भी निशाने पर लिया था और अब भी स्वास्थ्य व्यवस्था जस की तस बनी हुई है।