लॉक डाउन पर गांव वाले क्या सोचते हैं?: देखिए प्रदीप भंडारी की रिपोर्ट
Watch Pradeep Bhandari village ground report from Randhera villlage Mathura. As lockdown2 comes to an end what is the sentiment on the ground?@PMOIndia@pradip103 #PradeepGroundReport #IndiabattlesCoivd pic.twitter.com/g1UyyymXlj
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) May 1, 2020
- देशभर में इस वक्त लॉकडाउन चल रहा है और जन की बात और उसके फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी लगातार आपको देश के गांव से जमीनी हकीकत बताने का प्रयास कर रहे हैं। जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी अब तक करीब 14000 किलोमीटर का सफर कर चुके हैं और 8 राज्यों में वहां के गांव की स्थिति जनता के समक्ष रख रहे हैं। इसी के संबंध में जन की बात की टीम और सीईओ एंड फाउंडर प्रदीप भंडारी पहुंचे मथुरा के रंधेरा गांव में:-
बैंको का संचालन अच्छे से हो रहा
गांव की है जमीनी हकीकत को जानने के लिए जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी पहुंचे गांव के पास ही एक बैंक की शाखा पर। जहां पर उन्होंने ग्राहकों से पूछा कि बैंकों की क्या स्थिति है? इसी दौरान एक ग्राहक से बात की और उसने बताया कि बैंक से पैसे पूरे निकल रहे हैं। बैंक पूरी तरह से लोगों की सुरक्षा का ख्याल भी रख रहे हैं। साथ ही साथ सामाजिक दूरी भी बनाई जा रही है। इस दौरान वहां पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड से भी प्रदीप भंडारी ने बात की और सिक्योरिटी गार्ड ने बताया कि सामाजिक दूरी यहां पर ग्राहक खुद ब खुद ही बना रहे हैं। लोग जागरूक हैं और लोग भी जानते हैं कि बीमारी को रोकने के लिए ही लॉक डाउन लगाया गया है।
किसानों को दिक्कत नहीं
प्रदीप भंडारी गांव के अंदर भी गए और वहां पर मौजूद कुछ बुजुर्ग और किसानों से बातचीत की। इस दौरान लोगों ने एक सुर में कहा कि लॉक डाउन का कदम अच्छा है और वह केंद्र और राज्य सरकार के फैसले से खुश हैं। इसी दौरान एक किसान भाई से बातचीत में किसान भाई ने बताया कि सरकार गांव में कांटा लगा रही है और गेहूं की खरीदारी भी सरकार कर रही है। सरकार पूरे रेट दे रही है। इस साल 1925 रुपए सरकार द्वारा गेहूं की खरीदारी के लिए दिया जा रहा है।
गरीबों के लिए राशन
आपको बता दें इस दौरान प्रदीप भंडारी ने एक और किसान से बात की और उसने बताया कि गेहूं बेचने के 10 दिन बाद सरकार द्वारा खाते में डायरेक्ट पैसे आ जाते हैं। यही नहीं गांव की युवा भी सरकार को पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं। गांव के युवाओं ने बताया कि सरकार अच्छे कदम ले रही है और गरीबों को मुफ्त राशन और ₹500 भी खाते में आ रहे हैं।
आपको बता दें कि इस दौरान प्रदीप भंडारी ने महिलाओं से भी बात की और महिलाओं ने खुलेआम बोला कि उनके खाते में पैसे आ रहे हैं। मुफ्त सिलेंडर मिल रहे हैं और गरीबों को राशन भी मिल रहा है।
प्रदीप टेक
इस पूरे रिपोर्ट के दौरान जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने पाया कि गांव के लोग लॉक डाउन का समर्थन कर रहे हैं। गरीबों को राशन और ₹500 खाते में आ रहे हैं। किसानों के गेहूं को ₹1925 में खरीदा जा रहा है और उसके भी पैसे डायरेक्ट अकाउंट में आ रहे हैं। बैंक पूरी तरह कार्य कर रहा है।