कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बाद देश में लाखों प्रवासी श्रमिक विभिन्न राज्यों से अपने गृह राज्य वापस लौट रहे है। जनसंख्या के हिसाब से देश सबसे बड़े प्रदेश में उत्तर प्रदेश में 24 लाख से भी अधिक प्रवासी श्रमिक प्रदेश वापस लोटे है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि देश के अन्य हिस्सों से वापस लौटे श्रमिकों को प्रदेश में ही काम दिया जाए। जिससे भविष्य में मजदूरों को काम की तलाश में अन्य प्रदेशों न जाना पड़े। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में श्रमिक/कामगार कल्याण आयोग गठन करने फैसला किया है। जिसका खाका तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए जा चुके है।
घर वापस आने वाले कामगार/श्रमिक बहनों-भाइयों की 'स्किल मैंपिंग' कर पहली सूची तैयार है।
सभी जनों को अब प्रदेश में ही रोजगार मुहैया कराने लिए 'कामगार/श्रमिक(सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग' के गठन की तैयारी शुरू कर दी गयी है।
अब इनका हुनर,दक्षता व मेहनत जन्मभूमि को अभिसिंचित करेगी।— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 26, 2020
इस आयोग के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य प्रदेश में लौटे विभिन्न श्रमिकों को उनकी दक्षता के अनुरूप काम मुहैया कराना है। साथ ही प्रदेश सरकार ने प्रवासी श्रमिकों की स्किल डेवलपमेंट की भी तैयारी की है। जिसके लिए श्रमिकों को ट्रेनिंग/ इंटर्नशिप मुहैया कराएगी। ट्रेनिंग के दौरान मजदूरों को भत्ता भी दिया जाएगा।
सभी प्रवासी श्रमिकों को दिए जायेगे ₹1000, राशन किट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश कहा है कि प्रदेश में आने वाले हर प्रवासी श्रमिकों को शासन ₹1000 और राशन किट उपलब्ध कराएगा। इसके लिए जिला प्रशासन प्रवासी श्रमिकों के जिले में पहुंचने के साथ ही उनका बैंक अकाउंट नंबर और अन्य सभी सूचनाएं प्राप्त की जाएगी। और जिला स्तर पर ही उन्हें सत्यापित किया जाएगा। यह राशि प्रवासी श्रमिकों को डीबीटीएल के माध्यम से दी जाएगी।