नितेश दूबे,जन की बात
दरअसल दिल्ली के किसान जिनका नाम नमह है उन्होंने एक याचिका डाली कि हिंदुस्तान का नाम इंडिया से बदलकर भारत किया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि इंडिया अंग्रेजों का शब्द है और इसे अंग्रेज देकर गए हैं और इससे गुलामी का भाव प्रतीत होता है। इसके पीछे उनका तर्क है यदि हिंदुस्तान का नाम इंडिया से बदलकर भारत किया जाता है तो इससे राष्ट्रभक्ति और राष्ट्र के प्रति प्रेम और अधिक बढ़ेगा। उनका कहना है कि गुलाम होने के पहले देश का नाम भारत ही था। लेकिन जब अंग्रेजों जब यहां पर आए तो उन्होंने इसका नाम इंडिया कर दिया। लेकिन अब फिर से “भारत” नाम को मान्यता दे देनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में नाम बदलने को लेकर सुनवाई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान में पहले ही इंडिया को भारत कहा गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि सरकार उनके इस याचिका पर ज्ञापन की तरह विचार करेगी। आपको बता दें कि याचिका के अनुसार संविधान में देश का नाम इंडिया को भारत करने की मांग है और इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश भी दिया है।
आपको बता दें कि सीजेआई एसए बोबडे ने अनुच्छेद 1 का जिक्र करते हुए कहा कि हम ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि संविधान में भारत ही कहा जाता है। इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने नाम बदलने के पीछे का तर्क को समझाया जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से इंकर कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ता ने इजाजत मांगी कि वह इस उद्देश्य के लिए केंद्र के समक्ष प्रतिनिधित्व कर सकें।
2016 में भी याचिका खारिज हुई थी
आपको बता दें इसके पहले 2016 में भी ऐसी ही याचिका को उस समय के सीजेआई टीएस ठाकुर ने खारिज किया था। याचिका पर पर सीजेआई ने कहा था कि प्रत्येक भारतीय को अधिकार है कि वह जिस तरीके से चाहे उस तरीके से अपने देश के नाम का संबोधन करे। देशवासी स्वतंत्र है चाहे वह भारत बोले, इंडिया बोले या हिंदुस्तान बोले। इस पर कोर्ट फैसला नहीं कर सकता।
Pic courtesy- economic times