देश भर में कर्नाटक राज्य में कोरोना पर सफलतापूर्वक कंट्रोल किया। पूरे देश में चर्चा का विषय है कि कर्नाटक ने आखिरी यह संभव कैसे किया? आपको बता दें कि वर्तमान में कर्नाटक में कोरोना के करीब 6200 मामले हैं जबकि 3000 लोग रिकवर हो चुके हैं। कर्नाटक देश का 8 वाँ सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। अगर हम बाकी बड़े शहरों की बात करें तो वहां की स्थिति कोरोना के कारण बदहाल है। मुंबई ,दिल्ली कोरोना के मामले क्रमशः 46000 और 26000 से अधिक है। जबकि बेंगलुरु में सिर्फ 620 मामले ही सामने आए जबकि बेंगलुरु देश का चौथा सबसे घनी आबादी वाला शहर है।
बड़े पैमाने पर की कांटेक्ट ट्रेसिंग
आपको बता दें कि कर्नाटक में कई बड़ी कंपनियां है और जिसके कारण कई लोग विदेश से बिजनेस टूर से वापस लौटे थे। इनमें से अधिक लोग पॉजिटिव पाए गए थे। इसीलिए कर्नाटक में शुरू में अधिक मामले सामने आ रहे थे खासकर बेंगलुरु में। इसके साथ ही देश में कोरोना से पहली मौत कर्नाटक राज्य में ही हुई थी।
इसके बाद कर्नाटक राज्य ने एक फार्मूला अपनाया कि जो लोग पॉजिटिव पाए गए उनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग की। आपको बता दें कि 15 मई तक कर्नाटक ने करीब 35 हजार लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की और इन सभी लोगों को क्वॉरेंटाइन और जरूरी मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई गई।
आपको बता दें कि कर्नाटक से अधिक सिर्फ महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने ही कांटेक्ट ट्रेसिंग की थी। लेकिन इन राज्यों में कर्नाटक से कहीं अधिक मामले सामने आए। राष्ट्रीय औसत के अनुसार एक पुष्ट मामले पर 6 लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है जबकि कर्नाटक राज्य ने एक पुष्ट मामले पर 47 लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की और यह कर्नाटक के लिए सफलता का विषय बना।
बैंगलोर ने सफलता पाई
आपको बता दें कि बेंगलुरु में 620 के करीब कोरोना के मामले हैं जबकि वर्तमान में एक्टिव मामले सिर्फ 165 के करीब है। बेंगलुरु प्रशासन ने स्क्रीनिंग करना काफी पहले से ही शुरु कर दिया था। बेंगलुरु ने करीब 1.4 लाख इंटरनेशनल यात्रियों की स्क्रीनिंग की थी। इसके साथ ही बेंगलुरु प्रशासन ने कोरोना से रोकथाम के लिए काफी कड़े कदम शुरू से ही उठाने शुरू कर दिए थे। जिस भी लोकेलिटी में एक भी कोरोना का मामला सामने आता था पूरी लोकेलिटी को सील कर दिया जाता था। साथ ही जहां पर एक से अधिक मामले सामने आते थे उस पूरे वार्ड को सील कर दिया जाता था। इस तरह से बेंगलुरु ने कोरोना पर सफलता प्राप्त की।