आपको बता दें, चाइनीस प्रोडक्ट की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए भारत सरकार ने अब एक बड़ा फैसला लिया है आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने कानपुर-दीन दयाल उपाध्याय रेलवे प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है। यह प्रोजेक्ट 417 किलोमीटर के सिगनलिंग के काम का था। इस प्रोजेक्ट का कुल बजट 471 करोड रुपए थी और यह प्रोजेक्ट चाइना की कंपनी को दिया गया था।
आपको बता दें कि यह प्रोजेक्ट जून 2016 में इस कंपनी को दिया गया था और इस प्रोजेक्ट का 20% काम पूरा भी हो चुका था। इस प्रोजेक्ट की फंडिंग वर्ल्ड बैंक से लोन के द्वारा की जा रही थी।
चाइना की कम्पनी Beijing national highway research and design institute of signal and group comp. Ltd को यह प्रोजेक्ट दिया गया था। हालांकि अब केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है।
आपको बता दें कि भारत सरकार ने कल एक और बड़ा फैसला लेते हुए mtnl और bsnl में सब लगे सभी चीनी उपकरण को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दे दिया था।
इसके साथ ही आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट को हटाए जाने के कई कारण भी बताए गए। इसमें बताया गया कि इस कंपनी ने किसी भी लोकल एजेंसी के साथ कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया था। जिससे शारीरिक गतिविधियां शुरू नहीं हो पाई थी। साथ ही इस प्रोजेक्ट पर कई बार मीटिंग भी हुई लेकिन काम आगे नहीं बढ़ सका। यह काम 20% पूरा हो चुका था लेकिन इसकी स्पीड काफी धीरे थी। जिस कारण सरकार ने फैसला लिया कि इस प्रोजेक्ट को रद्द किया जाता है।
आपको बता दें कि 15 और 16 जून को भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके साथ ही भारतीय जवानों ने भी अपना पराक्रम और शौर्य दिखाते हुए चीन के 43 से अधिक जवानों को मारा था। चाइना ने हमला धोखे से किया था और चाइना ने हमले के लिए कील वाली स्टील रॉड का इस्तेमाल किया था। हालांकि चाइना यह मानने को तैयार नहीं कि उसके कितने सैनिक मरे थे। लेकिन अमेरिकी खुफिया विभाग ने भी माना कि चाइना के 1 अफसर समेत 35 लोग इस हिंसक झड़प में मारे गए। पूरे घटनाक्रम के बाद पूरे देश में चाइना के खिलाफ आक्रोश का माहौल है। लोग चाइना के प्रोडक्ट को बायकाट करने की बात कर रहे हैं और मांग भी कर रहे हैं। इसी क्रम में भारत सरकार भी धीरे-धीरे बड़ा फैसला ले रही है और प्रधानमंत्री ने कल ही अपने बयान में स्पष्ट किया था कि भारत जवानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगा। समय आने पर भारत माकूल जवाब देगा।