भारत और चीन तनाव के बीच जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने भारतीय सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी से विशेष बातचीत की। इस दौरान हमने जाना कि आगे भारत का क्या रुख होना चाहिए?
INDIA CHINA FACE OFF GENERAL GD BAKSHI CONVERSATION https://t.co/H2m9qk0no3
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी) (@pradip103) June 20, 2020
कल जिस तरीके से प्रधानमंत्री ने बयान दिया। उस पर आप चरणबद्ध तरीके से बताएं गलवान वैली संघर्ष कैसे हुआ? इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
मेजर बख्शी-: गलवान वैली संघर्ष चीन की तरफ से भारत के खिलाफ सोची समझी रणनीतिक साजिश है। यह ऐसे समय की गई है जब भारत कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है ताकि चीन भारत को परेशान कर सके और यह दिखा सके कि एशिया में चीन का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। इसका दूसरा सबसे कारण है कि भारत अमेरिका से नजदीकी बढ़ा रहा है। यह चीन को खटक रहा है। तीसरा सबसे बड़ा कारण चीन भारत का कश्मीर स्टेटस बदलना चाहता है।
प्रदीप भंडारी ने आगे भूतपूर्व मेजर जनरल जीडी बख्शी से पूछा कि राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जमीन चीन को सौंप दी। इस पर आप एक आर्मी पर्सन होने के नाते क्या कहना चाहेंगे?
मेजर जीडी बख्शी:- पहले तो यह है कि कल प्रधानमंत्री ने साफ कहा है कि उन्होंने हमारी 1 इंच जमीन पर कब्जा नहीं किया। चीनी सैनिक आए थे पेट्रोलिंग पॉइंट 14 तक जहां हमारे सैनिकों की चीन के साथ झड़प हुई। लेकिन अब वह वापिस जा चुके है। जहां तक बात है पंग्योंग ट्सो लेक की, चीन फिंगर 2 तक क्लेम करता है और भारत फिंगर 8 तक। जहां दोनों देशों का प्रशासन अलग-अलग है। वहीं एक आर्मी पर्सन होने के नाते मैं यह बताना चाहता हूं कि क्या आज हम एक स्टोन ऐज में जी रहे है। हमें 1996 की स्क्रिप्ट को फाड़ देना चाहिए। हमारे सैनिकों को जवाब हथियार से देना चाहिए। पूर्व मेजर जनरल बख्शी ने बोला कि राहुल गांधी जैसी सोच रखने वाले नेता भारत में माइनॉरिटी में है।
प्रदीप भंडारी ने आगे पूछा कि कुछ लोग भारत चीन की सेना की तुलना करते है, तो कहा जाता है कि चीन की रक्षा बजट भारत से 5 गुना ज्यादा है। इस पर भूतपूर्व आर्मी जनरल ने कहा कि चीन की सेना ने अपनी आखरी लड़ाई वर्ष 1979 में वियतनाम से लड़ी थी। जबकि भारतीय आर्मी ने अपनी आखरी लड़ाई वर्ष 1999 में लड़ी थी। जबकि चीनी सेना युद्ध क्षेत्र में अनटेस्टेड सेना है।
आगे मेजर जनरल बख्शी ने बताया कि जिस तरह से चीन भारत के खिलाफ पाकिस्तान और अब नेपाल की विदेश नीति की जिस तरह से बदला है। भारत को ताइवान, तिब्बत और शिंजियांग आदि मुद्दों को भारत को उठाना होगा।
वहीं भूतपूर्व मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कोरोना वायरस को चीन का बायोलॉजिकल हथियार बताया।