अमन वर्मा (जन की बात)
कोरोना को रोकने के लिए देश भर में 24 मार्च से लॉकडाउन लग गया था, इसके चलते बेरोजगार हुए प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्यों को लौट गए थे। जिसकी वजह से इन लोगों के सामने रोजगार की एक बड़ी समस्या पैदा हो गई थी। इनको लाभ पहुंचाने के मकसद से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की घोषणा की थी.
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल तरीके से इस योजना की शुरुआत बिहार से की हैं, ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर ये योजना क्या है और इससे किन लोगों को लाभ मिल सकेगा?
25 तरह के काम का विकल्प है इस योजना में।
‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का मकसद प्रवासी मजदूरों को उनके गांव में ही रोजगार मुहैया करा कर उन्हें लाभ पहुंचाना है. इस योजना के तहत प्रवासी मजदूरों के लिए 25 तरह के काम के विकल्प दिए जाएंगे।
*125 दिनों के इस मिशन में 116 जिले शामिल हैं।*
ये मिशन 125 दिनों तक चलेगा, जिसमें अब तक 116 जिलों के प्रवासी मजदूरों को शामिल किया गया है, हालांकि आगे भी इसका विस्तार किया जा सकता है। योजना पर लगभग 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे, इसमें सरकार की करीब 25 योजनाओं को शामिल किया जा रहा है।
इस योजना को सफल बनाने के लिए, मिशन मोड में काम करेंगे 12 मंत्रालय
प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सरकार इस दौरान मिशन मोड में काम करेगी। योजना का को-आर्डिनेशन 12 मंत्रालय कर रहे हैं जिसमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन भी शामिल हैं। इस योजना के तहत मजदूरों से उनकी स्किल के तहत काम करवाए जाएंगे। जल जीवन मिशन, ग्राम सड़क योजना जैसी कई सरकारी योजनाओं के जरिए प्रवासियों को काम के मौके दिए जाएंगे। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह अभियान आत्मनिर्भर भारत अभियान का ही एक हिस्सा है।
निम्न प्रकार के काम होंगे इस योजना के तहत
इस योजना के तहत सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण, ग्राम पंचायत भवन, राष्ट्रीय राजमार्ग के काम, कुओं का निर्माण, आंगनवाड़ी केंद्र का काम, पीएम आवास योजना का काम, ग्रामीम सड़क और सीमा सड़क, पीएम कुसुम योजना, पीएम ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट, पशु शेड बनाने का काम, केंचुआ खाद यूनिट तैयार करना, पौधारोपण, जल संरक्षण और संचयन, भारतीय रेलवे के तहत आने वाले कामों की तरह ही अन्य कामों को भी शामिल किया गया है।
प्रवासियों को नही करना होगा कोई भी पंजीकरण
इस योजना के लिए किसी को आवेदन नहीं करना होगा, राज्य और केंद्र सरकार स्वयं इस योजना के लिए प्रवासी मजदूरों का चयन करेंगी।