यूपी के कानपुर में एक खूंखार अपराधी के साथ हुई मुठभेड़ में पुलिस के सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। अधिकारियों ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि, देर रात कानपुर की चौबेपुर पुलिस थाने में अंतर्गत आने वाले बिकरू गांव में पुलिस का भारी दल विकास दुबे को गिरफ्तार करने पहुंचा था।
इसी दौरान विकास दुबे के घर से फायरिंग के बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की जिसके अंदर अपराधी गैंग के दो व 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि दोनों विकास दुबे के रिश्तेदार हैं। एक मामा है तो दूसरा चचेरा भाई है।
आइये जानते है विकास दुबे का अपराधिक इतिहास
कुख्यात अपराधियों में शुमार विकास दुबे का अपराध सफर 1990 से शुरू हुआ था। आपको बता दें कि, अपराधी विकास बिकरु गांव निवासी है। बताया जा रहा है कि, विकास ने पिता के अपमान का बदला लेने के लिए नवादा गांव के किसानों को वर्ष 1990 में पीटा था। ओर यही से विकास दुबे के खिलाफ शिवली थाने में पहला मामला दर्ज हुआ था।
वर्ष 2000 में विकास ने इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडे को गोली मारकर पहला मर्डर किया था। वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला को शिवली थाने के भीतर गोली मारकर मौत के घाट उतारकर विकास ने क्षेत्र में अपनी दहशत फैलाई।
बताया जाता है कि, बिकरु और शिवली के आसपास क्षेत्र में विकास की दहशत कुछ इस कदर थी कि उसके एक इशारे पर चुनाव में वोट गिरना शुरू हो जाते थे।
अपराधी विकास दुबे का राजनैतिक रसूख
अभी तक मिल रही जानकारियों के अनुसार बताया जा रहा है कि अपराधी व कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का राजनैतिक रसूख काफी ऊंचा था। स्थानीय लोगो द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार राजनीतिक संरक्षण और दबंगई के बल पर विकास जिला पंचायत सदस्य चुना गया और आसपास के तीन गांवों में उसके परिवार की ही प्रधानी कायम हो गई।
गैंस्टर विकास का आपराधिक रिकॉर्ड
विकास के खिलाफ चौबेपुर थाने में हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी वसूलना, लूट और फिरौती मांगने समेत कई संगीन धाराओं में 60 मुकदमे दर्ज हैं। विकास के खिलाफ गुंडा एक्ट और गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जा चुकी है। यहाँ आपको यह भी जानना चाहिए कि, वर्ष 2017 में विकास को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।
विकास विकास दुबे पर 2004 में एक केबल व्यवसाई की हत्या में भी सम्मिलित पाया गया था पुलिस द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार विकास कई मामलों में जेल भी जा चुका है लेकिन लगातार होने वाले जमानत पर वह बाहर आता रहा है साल 2013 में भी विकास का नाम एक हत्या में पाया गया था साथ ही 2018 में विकास दुबे पर अपने चचेरे भाई अनुराग पर भी जानलेवा हमला करने का आरोप लगा था जिसमें अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार अन्य लोगों पर भी एफ आई आर दर्ज करवाई थी।
अपराधी विकास दुबे के बारे में क्या है ग्रामीणों की राय?
विकास दुबे मूल रूप से कानपुर में शिवली थाना क्षेत्र के बिकरू गांव के रहने वाले हैं। गांव में उन्होंने अपना घर क़िले जैसा बना रखा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, बिना उनकी मर्ज़ी के घर के भीतर कोई जा नहीं सकता है।
ग्रामीणों द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार यह बताया गया कि विकास दुबे के परिवार से पिछले 15 साल में लगातार जिला पंचायत सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो रहे हैं वह गांव के 15 साल से प्रधान भी नियुक्त होते आ रहे हैं
स्थानीय लोगों द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार विकास दुबे के पिता एक किसान हैं और वह तीन भाई हैं विकास सबसे बड़ा है जबकि एक भाई की मृत्यु हो चुकी है विकास के दो बेटे हैं जिनमें से एक इंग्लैंड में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है तो दूसरा कानपुर में ही रहकर अपने पढ़ाई जारी किए हुए हैं